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  • Friday, 22 November 2024
Mahindra & Mahindra को भारत में अपना पार्टनर बन सकती हैं ये जर्मन कंपनी

Mahindra & Mahindra को भारत में अपना पार्टनर बन सकती हैं ये जर्मन कंपनी

मुंबई। एक और विदेशी ऑटो कंपनी भारत में हिस्सेदारी बेचने को तैयार है। जर्मनी की दिग्गज ऑटो कंपनी फॉक्सवैगन अपने भारतीय कारोबार में हिस्सेदारी स्थानीय पार्टनर को बेचने के लिए बातचीत कर रही है। दरअसल फॉक्सवैगन भारत में अबतक दो अरब डॉलर से अधिक निवेश कर चुकी है, बावजूद इसके बाजार में अपनी पकड़ बनाने में विफल रही है। इसकारण कंपनी अपने भारतीय कारोबार में हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है। कंपनी के एक टॉप अधिकारी ने कहा कि कंपनी अपनी कम बाजार हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए नई सस्ती कारों को लाने पर काम कर रही है। कंपनी ने अब तक देश में महंगी यूरोपीय गाड़ियों को लांच किया जा है जिन्हें खास सफलता नहीं मिली है। इतना ही नहीं फॉक्सवैगन ग्रुप ने मांग की है कि देश में हाइब्रिड वाहनों पर टैक्स की दरें कम होनी चाहिए। उसका तर्क है कि सरकार उस समय में लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकती जब मार्केट को पेट्रोल-डीजल इंजन से ग्रीन कारों में बदलाव में समय लग रहा है। स्कोडा ऑटो के ग्लोबल सीईओ क्लॉस जेलमर ने यह बात कही है। वे भारत में फॉक्सवैगन ग्रुप की निवेश और रणनीति के प्रमुख भी हैं। माना जा रहा है कि कंपनी भारत में महिंद्रा एंड महिंद्रा को पार्टनर बना सकती है।

इस बारे में जेलमर ने कहा, हम 20 से अधिक वर्षों से भारत में हैं। यह साबित नहीं हुआ है कि हम सही रास्ते पर हैं। इसलिए, आप एक नया रास्ता आजमाते हैं। मुझे विश्वास है कि अगर हमें सही साझेदार मिल जाए, तब हम एक-दूसरे से सीखकर लाभ उठा सकते हैं। हालांकि जेलमर ने नहीं बताया कि फॉक्सवैगन ग्रुप स्थानीय साझेदार के साथ वार्ता कब तक पूरी कर लेगा। यह पूछने पर कि क्या यह ऐसी साझेदारी होगी जिसमें नए प्लेयर को इक्विटी की पेशकश होगी, उन्होंने कहा, हम एक सच्ची साझेदारी की तलाश कर रहे हैं। यह कुछ हद तक बिना किसी अनुबंध के शादी करने जैसा है। इसका मतलब है इंजीनियरिंग क्षमता, बिक्री क्षमता, खरीद क्षमता तक एक्सेस प्राप्त करना। उन्होंने कहा कि यूरोपीय कारें अक्सर ओवर-इंजीनियर्ड वाली होती हैं, जिसकी भारतीय बाजार में जरूरत नहीं हो सकती। अक्सर हम अपनी अपेक्षाओं के अनुसार कारें बनाते हैं जिनकी कीमत ज्यादा होती है। यह ऐसा पहलू है जो हमारी प्रतिस्पर्धी स्थिति को कमजोर करता है। इसलिए, हमें सीखने की जरूरत है और हमें सही जगह के बारे में पता होना चाहिए। हमारी इंजीनियरिंग उत्कृष्टता के साथ मिलकर, यह एक विनिंग कंबिनेशन हो सकता है।

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