Central Government ने अगले सीजन में 15 लाख टन चीनी निर्यात को दी मंजूरी
मोलासेस टैक्स खत्म होने से चीनी मिलों को मिलेगी राहत
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने चीनी उद्योग और गन्ना किसानों के हित में बड़ा निर्णय लिया है। अगले चीनी सीजन 2025-26 में लगभग 15 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी जाएगी। इसके साथ ही गुड़ की छाछ यानी मोलासेस पर लगने वाला 50 प्रतिशत निर्यात शुल्क समाप्त कर दिया गया है। इन फैसलों से चीनी मिलों को आर्थिक राहत मिलेगी और किसानों को गन्ने के भुगतान समय पर हो सकेंगे। यह कदम ऐसे समय में आया है जब कर्नाटक में गन्ना किसानों का आंदोलन जारी है। खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर इन निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार की किसान हितैषी नीतियों से गन्ना भुगतान की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। जनवरी 2025 में जब चीनी के दाम गिर रहे थे, तब केंद्र ने 10 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी थी। इससे देश में अतिरिक्त स्टॉक घटा और कर्नाटक में चीनी के भाव 3370 रुपए से बढ़कर 3700–3930 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए थे।
अब 15 लाख टन निर्यात की नई मंजूरी से उद्योग को और राहत मिलेगी। खाद्य मंत्रालय ने सैद्धांतिक रूप से इस निर्यात को हरी झंडी दे दी है, जबकि अंतिम मंजूरी हाई-पावर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स से मिलनी बाकी है। उद्योग जगत 20 लाख टन निर्यात की मांग कर रहा था, ताकि अधिशेष उत्पादन पर नियंत्रण हो सके। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 30 सितंबर 2025 तक कर्नाटक में 2022-23 और 2023-24 सीजन का कोई भुगतान बकाया नहीं है, जबकि 2024-25 सीजन में केवल 50 लाख रुपए बाकी हैं। सरकार को उम्मीद है कि इन नीतिगत कदमों से चीनी उद्योग और गन्ना किसान दोनों को बड़ा लाभ मिलेगा।
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