फिर तेजी से भाग सकता हैं सोना, संस्थागत और Central Banks की खरीदारी जारी
मुंबई। सोना फिर दुनिया भर के निवेशकों का पसंदीदा सुरक्षित निवेश बना हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, सोना अभी भी मजबूत स्थिति में है और इसकी कीमत 4,368 से लेकर 4,600 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस तक जाने की उम्मीद है, जबकि नीचे 3,890 और 3,510 डॉलर पर सपोर्ट रहेगा। अक्टूबर में सोने की कीमत 4,368 डॉलर तक पहुंची थी, इसके बाद यह महीने के अंत तक थोड़ा गिरकर 4,000 डॉलर के नीचे आ गई। यह गिरावट पिछले एक महीने में अमेरिकी डॉलर के 1.4 प्रतिशत मज़बूत होने की वजह से हुई। लेकिन जानकारों का मानना है कि लंबे समय में सोने का रुझान अब भी ऊपर की ओर है, क्योंकि संस्थागत और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी लगातार बनी हुई है, और डॉलर पिछले एक साल में कमजोर हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वी यूरोप और पश्चिम एशिया में चल रहे युद्ध और तनाव की वजह से लोग अपना पैसा सुरक्षित जगह, यानी सोने में लगा रहे हैं। इसके अलावा, पिछले एक साल में अमेरिकी डॉलर की कीमत करीब 8 प्रतिशत तक गिर गई है, जिससे सोना और दूसरी चीजें (कमोडिटीज) महंगी हो गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अब तक सोने से जुड़े फंड्स में लगभग 65 अरब डॉलर का निवेश हुआ है। इनमें से 20 अरब डॉलर सिर्फ पिछले तीन महीनों में लगाए गए हैं।
दुनिया के कई केंद्रीय बैंक अब अपने विदेशी भंडार में डॉलर की हिस्सेदारी कम करके सोना खरीद रहे हैं, ताकि आर्थिक अनिश्चितता से बच सके। रिपोर्ट कहती है कि यह एक नया निवेश रुझान है, जहां देश और बड़े संस्थान अब अमेरिकी बॉन्ड और डॉलर के बजाय दूसरे विकल्प ढूंढ रहे हैं, क्योंकि उन्हें सरकारी कर्ज, बढ़ती महंगाई और वैश्विक तनाव की चिंता है। यूक्रेन और पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष, दुनिया की धीमी अर्थव्यवस्था और लगातार बढ़ती महंगाई की वजह से सोने की मांग और बढ़ गई है। अब ज़्यादातर निवेशक सोने को अपनी पूंजी सुरक्षित रखने का जरिया मान रहे हैं। कई देशों के केंद्रीय बैंक अब ब्याज दरें बढ़ाना बंद कर चुके हैं, लेकिन महंगाई अभी भी ज़्यादा है।
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