थम सकती हैं भाग रहे Zomato के शेयर की तेजी
मुंबई। भारत की पहली लिस्टेड न्यू एज कंपनी जामैटों के शेयर में दमदार तेजी देखने को मिल रही है। कंपनी के स्टॉक प्राइस में कैलेंडर वर्ष 2023 में यानी इस साल जनवरी से लेकर 11 सितंबर तक के ही समय में 68 फीसदी की बढ़ोतरी हुई हैं, जबकि पिछले साल की समान अवधि के दौरान महज 9.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी। जोमैटो का शेयर कैलेंडर वर्ष 2022 में दूसरा सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला न्यू एज स्टॉक था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर इसके शेयरों में 57 फीसदी की गिरावट आई थी और यह स्टॉक जनवरी 2022 के बाद पहली बार अगस्त के अंत में 100 रुपये के स्तर पर पहुंच गया। विश्लेषकों का कहना है कि पीबी फिनटेक और वन97 कम्युनिकेशंस के स्वामित्व वाले पेटीएम के बाद तीसरी सबसे बड़ी तेजी दिखाने वाले स्टॉक की रफ्तार अब थम सकती है। इन विश्लेषकों का मानना है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि स्टॉक प्राइस अर्निंग ग्रोथ सहित सभी पॉजिटिव चीजों को ध्यान में रख रही है। इसके अलावा, कुछ प्री-आईपीओ इन्वेस्टर्स के साथ-साथ ब्लिंकिट के पूर्व निवेशकों द्वारा संभावित और नियमित निकासी से निकट अवधि में स्टॉक पर असर पड़ सकता है।
बाजार जानकार ने कहा कि जोमैटो के लिए निगरानी में रखने वाली चीजों में मुख्य तौर पर सकल ऑर्डर मूल्य में लगातार बढ़ोतरी, और विस्तारित अवधि के लिए फूड डिलीवरी बिजनेस के मार्जिन में मजबूत सुधार की जरूरत है। बता दें कि जोमैटो का मुख्य बिजनेस फूड डिलिवरी है। फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ने वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में 2 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में 186 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। ऑपरेशन से इसका राजस्व सालाना आधार पर 71 प्रतिशत बढ़ा। जबकि इसने 12 करोड़ रुपये का एबिटा लाभ दर्ज किया। इसका जीओवी सालाना आधार पर 6,425 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,569 करोड़ रुपये और तिमाही आधार पर 7,318 करोड़ रुपये हो गया।
औसत मासिक लेन-देन करने वाले ग्राहक वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में 1.75 करोड़ दर्ज किए गए, जबकि पिछले वर्ष यह 1.67 करोड़ थे। जौमेटो अपने कैश फ्लो में सुधार के लिए कदम उठा रहा है। कंपनी ऑर्डर वॉल्यूम बढ़ाने के लिए जनवरी 2023 में ‘जौमेटो गोल्ड ’ को फिर से लांच किया। इसके अलावा, अगस्त में, इसने प्रति ऑर्डर 2-3 रुपये का प्लेटफॉर्म शुल्क लगाने की टेस्टिंग भी शुरू की। विश्लेषकों का मानना है कि अगर ये ग्राहक औसतन वर्ष में 75 बार लेनदेन करते हैं, तो 2 रुपये प्रति ऑर्डर प्लेटफॉर्म शुल्क लगाने के बाद कंपनी को 40.5 करोड़ रुपये का एबिटा मिल जाएगा।
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