Musk के स्टारलिंक और अमेजन से आगे निकला जियो
सैटकॉम सेवा के लिए इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथोराइजेशन सेंटर से मिली मंजूरी
नई दिल्ली। जियो प्लेटफॉर्म्स को इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथोराइजेशन सेंटर से मंजूरी मिल गई है। इस अंतिम मंजूरी से कंपनी देश में सैटेलाइट कम्युनिकेशन (सैटकॉम) सर्विसेज लॉन्च कर सकेगी। यह मंजूरी ऐसे समय में मिली है जब एलन मस्क के स्वामित्व वाली स्टारलिंक और अमेजन के प्रोजेक्ट कूपर जैसी वैश्विक दिग्गज कंपनियां देश में अपनी सेवाएं शुरू करने के लिए नियामक मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। ऐसे में अमेजन और स्टारलिंक से आगे निकलते हुए जियो प्लेटफॉर्म्स द्वारा सैटेकॉम सर्विसेज दी जा सकेंगी। भारती एंटरप्राइजेज बैक्ड यूटेलसैट वनवेब एकमात्र अन्य कंपनी है जिसे पहले ही सभी आवश्यक मंजूरियां मिल चुकी हैं। एक बार सरकार द्वारा स्पेक्ट्रम आवंटन हो जाने के बाद जियो प्लेटफॉर्म्स अपने जॉइंट वेंचर पार्टनर लक्जमबर्ग स्थित सैटकॉम कंपनी एसईएस के साथ सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं प्रदान करेगा।
अधिकारियों के मुताबिक ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन्स बाय सैटेलाइट और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर लाइसेंस के साथ अंतरिक्ष संचार से संबंधित किसी भी गतिविधि के लिए इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथोराइजेशन सेंटर से ऑथोराइजेशन की जरूरत होती है। लॉन्चिंग के लिए सैटेलाइट ऑपरेट करने के लिए संचार स्थापित करने लिए स्पेस ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम जैसे कई तरह की गतिविधियों के लिए ऑथोराइजेशन की जरूरत होती है। सैटेलाइट कम्युनिकेशन्स (सैटकॉम) सेवाएं डेटा और वॉयस को ट्रांसमिट करने और रिसीव करने के लिए सैटेलाइट का उपयोग करती हैं। इनका उपयोग कई तरह के क्षेत्रों में किया जा सकता है। खासतौर पर जहां ट्रेडिशनल लैंड-बेस्ड तरीके से सेवाएं नहीं दी जा सकती। इसी तरह आपदा के दौरान लोकल टेलीकॉम स्ट्रक्चर के खराब होने पर भी टेलीकॉम सेवाएं आसानी से सैटकॉम के जरिए दी जा सकती हैं। साथ ही सैटकॉम सर्विसेज इन-फ्लाइट, रेल और मैरीटाइम कम्युनिकेशन को भी सपोर्ट कर सकती हैं।
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