लालू के करीबी ED के शिकंजे में लैंड फॉर जॉब मामले में उजागर होंगे कई रहस्य
नई दिल्ली। बिहार का सबसे चर्चित जमीन के बदले नौकरी का मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव सहित परिवार के कई सदस्य इस कथित घोटाले में आरोपों का सामना कर रहे हैं।
कथित घोटाले को लेकर लालू परिवार के अलग अलग सदस्यों के यहां छापे डाले गए थे,उस वक्त लालू और तेजस्वी के काफी नजदीक कहे जाने वाले अमित कात्याल भी इन छापों से अछूते नहीं थे। एक बार फिर कात्याल ईडी के शिंकजे में है। उनकी गिरफ्तारी के बाद माना जा रहा है कि इस मामले में अब कई ऐसे रहस्य उजागर हो सकते हैं जिन पर बीते कई सालों से पर्दा डला हुआ था। प्रवर्तन निदेशालय यानी (ईडी) ने नौकरी के बदले जमीन घोटाला में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी की टीम ने इस केस में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव के सहयोगी और करीबी बताए जा रहे अमित कात्याल को गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने अमित की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए शनिवार को यह जानकारी दी है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय जांच एजेंसी ने कात्याल को पहले हिरासत में लिया और फिर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। कात्याल करीब दो महीने से ईडी के समन की अनदेखी कर रहे थे। दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल में इस मामले में उसके खिलाफ जारी ईडी के समन को रद्द करने के अनुरोध वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी। ईडी ने इस साल मार्च में जब लालू, तेजस्वी, उनकी बहनों और अन्य के परिसरों पर छापे मारे थे, तब कात्याल से जुड़े ठिकानों की भी तलाशी ली गई थी। लालू-तेजस्वी के करीबी बताए जा रहे कात्याल को स्थानीय अदालत में पेश किए जाने की संभावना है, जहां ईडी पूछताछ के लिए उसकी हिरासत की मांग करेगी। जांच एजेंसी के मुताबिक कात्याल राजद सुप्रीमो का ‘करीबी सहयोगी’ होने के साथ-साथ ‘ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ का पूर्व निदेशक भी है। ये कंपनी इस मामले में कथित तौर पर एक ‘लाभार्थी कंपनी’ है और इसका पंजीकृत पता दक्षिणी दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित एक आवासीय इमारत है, जिसका इस्तेमाल तेजस्वी यादव कर रहे थे। कथित घोटाला उस समय का है, जब लालू केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पहली सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि 2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह ‘डी’ पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था और बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू के परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी। इस मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया ईडी का यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत पर आधारित है। दसीबीआई के अनुसार, नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में विभिन्न जोनल रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था। जांच एजेंसी का आरोप है कि बदले में उम्मीदवारों ने सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से लालू के परिवार के सदस्यों को कथित तौर पर अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेची, जो मौजूदा बाजार दरों के एक-चौथाई से पांचवें हिस्से तक थी। कुल मिलाकर मिट्टी मोल ये जमीन ली गई थी।
Comment / Reply From
You May Also Like
Popular Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!