Government ने नई ईवी पॉलिसी को मंजूरी दी
कंपनियों को कम-से-कम 4,150 करोड़ निवेश करना होगा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने भारत को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने के लिए अपनी नई ईवी पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। इस नई पॉलिसी में कंपनियों को कम से कम 4150 करोड़ रूपए निवेश करना होगा और अधिकतम निवेश पर कोई सीमा नहीं है। पॉलिसी के अनुसार, कंपनियों को तीन साल के अंदर भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग और ईवी का कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू करना होगा। इस संबंध में मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।नई पॉलिसी से लंबे समय से भारत में आने का रास्ता तलाश रही अमेरिकी बिजनेसमैन एलन मस्क की ईवी कंपनी टेस्ला के लिए भारत में एंट्री आसान हो गई है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए नई पॉलिसी
भारत में आकर इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने की इच्छा रखने वाली ऑटो कंपनियों के लिए सरकार ने नई ईवी पॉलिसी में कुछ नियम और शर्तें तय की हैं और कुछ शर्तों में रियायत भी दी है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, ऑटो कंपनियों को भारत में कम से कम 4,150 करोड़ रुपए निवेश करना होगा, मैक्सिमम इन्वेस्टमेंट की कोई लिमिट नहीं रखी गई है। ऑटो कंपनियों को 3 साल के भीतर प्लांट लगाकर इलेक्ट्रिक गाडिय़ों का प्रोडक्शन शुरू करना होगा। साथ ही 5 साल के अंदर डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन को 50 प्रतिशत तक पहुंचाना होगा, यानी इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने में लोकल सोर्सिंग को बढ़ाना होगा। ऑटो कंपनियों को तीसरे साल में लोकल सोर्सिंग को 25 प्रतिशत और 5 साल में 50 प्रतिशत करना होगा।
टेस्ला की कारों को भारत में बेचना आसान होगा
नई पॉलिसी के तहत अब कंप्लीट बिल्ट यूनिट कार को भारत में इंपोर्ट करना आसान हो जाएगा। सीबीयू पूरी तरह बनी बनाई कार होती है, इनमें कॉस्ट, इंश्योरेंस और फ्रेट शामिल होता है। इनमें 35,000 डॉलर (करीब 30 लाख) कीमत वाली कार को भारत में इंपोर्ट करने पर 15 प्रतिशत की कस्टम ड्यूटी देनी होगी, जो पहले 40,000 डॉलर (लगभग 32.5 लाख) से कम कीमत वाली कारों के लिए 70 प्रतिशत और इससे अधिक कीमत वाली कारों के लिए 100 प्रतिशत थी। यानी टेस्ला जैसी कंपनियों के लिए भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कारों को लाकर बेचना आसान हो जाएगा। हालांकि, इसके लिए भी कुछ शर्तें हैं।
इंपोर्टेड कारों को भारत में बेचने की शर्तें
ऑटो कंपनियों के लिए नई स्कीम सिर्फ 5 साल के लिए है। कंपनी एक साल में सिर्फ 800 यूनिट भारत लाकर बेच सकेंगी। 5 साल में कुल 40,000 यूनिट्स ही भारत में बेच सकती हैं। इंपोर्ट की गई कुल इलेक्ट्रिक गाडिय़ों पर जितनी भी ड्यूटी की रियायत मिली है, उसकी भी एक सीमा होगी। वो कंपनी का कुल निवेश या फिर 6484 करोड़ रुपए, जो भी कम हो, वो लागू होगा। यानी अगर टेस्ला भारत में अपनी गाडिय़ां बेचना चाहता है, तो उसकी इजाजत उसे होगी, लेकिन शर्त ये है कि उसे भारत में अपना प्लांट भी लगाना होगा और डीवीए की शर्तों का पालन भी करना होगा। तभी उसे अपनी कारों को भारत लाकर बेचने पर ड्यूटी में रियायत मिलेगी।
Tags
Comment / Reply From
You May Also Like
Popular Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!