Delhi के शराब घोटाले में एक और आप नेता को समन, अब तक 15 आए गिरफ्त में
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल,मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन जैसे कई दिग्गज नेता ईडी के गिरफ्त में आ चुके हैं। इसी बीच अब दिल्ली सरकार के भरोसेमंद नेता एवं दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत भी शराब घोटाले में ईडी की रडार पर आ गए हैं। उन्हे एक समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया है।कैलाश के पास इस समय दिल्ली परिवहन के साथ कई अन्य महत्त्वपूर्ण विभाग हैं। लेकिन कैलाश गहलोत पर पहले ही डीटीसी बसों की खरीद में घोटाले करने के आरोप हैं। भाजपा ने आरोप लगाया था कि कैलाश गहलोत के परिवहन मंत्री रहते हुए दिल्ली सरकार ने एक हजार डीटीसी बसों की खरीद प्रक्रिया शुरू की थी। भाजपा का आरोप है कि इन 1000 बसों की खरीद और इनके रखरखाव मामले में भ्रष्टाचार किया गया है। बता दें कि शराब नीति घोटाले मामले में ईडी इससे पहले अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी जिसमें विजय नायर,अभिषेक बोइनपल्ली,समीर महेंद्रू,पी सरथ चंद्रा,बिनोय बाबू,अमित अरोड़ा,गौतम मल्होत्रा,राघव मंगुटा, राजेश जोशी,अमन ढाल, अरूण पिल्लई, मनीष सिसोदिया, दिनेश अरोड़ा,संजय सिंह एवं के.कविता शामिल हैं।
ऐसे खुली घोटाले की परतें
इस शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं जिसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई। हालांकि, नई शराब नीति को बाद में इसे बनाने और इसके कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोपों के बीच रद्द कर दिया गया था। सीबीआई ने अगस्त 2022 में इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ नियमों के कथित उल्लंघन और नई शराब नीति में प्रक्रियागत गड़बड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की। बाद में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में ईडी ने पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच शुरू कर दी। ईडी और सीबीआई दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में कथित घोटाले की अलग-अलग जांच कर रही हैं। ईडी नीति को बनाने और लागू करने में धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही है। वहीं, सीबीआई की जांच नीति बनाते समय हुई कथित अनियमितताओं पर केंद्रित है।
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