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पैरालिंपिक में पदक जीतना चाहती है टेटे खिलाड़ी Vijaya

पैरालिंपिक में पदक जीतना चाहती है टेटे खिलाड़ी Vijaya

हैदराबाद। यूटीटी पैरा टेबल टेनिस नेशनल चैंपियनशिप में सबसे कम उम्र की पदक विजेता विजया दीपिका गंगापट्टनम का लक्ष्य अब पैरालिंपिक में भारत के लिए पदक जीतना है। विजया ने राष्ट्रीय स्तर पर एकल में रजत और युगल में अपने जोड़ीदार के साथ कांस्य पदक जीता है। विजया का यहां तक का सफर जुझारु क्षमता की मिसाल है। हव हड्डियों की एक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं जिसके कारण उसके शरीर में 45 फ्रैक्चर हैं। यहां तक कि झटके लगने पर भी हजिंदगी हड्डी टूट जाती है। इसके बाद भी कठिन परिश्रम कर विजया ने टेबल टेनिस खेलकर अपनी किस्मत बदली है। विजया का भाई भी टेबल टेनिस खेलता है। उसे इस खेल में पिता का पूरा समर्थन मिला। विजया के पिता ने कहा कि उसे जन्म के दौरान भी फ्रैक्चर का सामना करना पड़ा क्योंकि डॉक्टरों को उसकी पहले से स्थिति के बारे में पता नहीं था।

विजया के ज्यादातर फ्रैक्चर तब हुए जब वह छोटी थी और घुटनों के बल चल रही थी। उसे अपने शरीर का भार अपने हाथों पर उठाना पड़ता था। वह अलग अलग तरह के व्हीलचेयर का उपयोग करती है। व्हीलचेयर बदलते समय वह कई बार गिर चुकी है। वह नहाने समय फिसल जाती थी, जिसके उसके पैर टूट गए। विजया को सात साल की उम्र तक चलने में दिक्कत होती थी, क्योंकि उसके कूल्हे और घुटने में फ्रैक्चर हो गया था। जिसके कारण सर्जरी करानी पड़ी। इन समस्याओं के कारण उसे अपने दिन-प्रतिदिन के कामों के लिए सहायता लेनी पड़ी। वह अन्य बच्चों की तरह स्कूल नहीं जाती क्योंकि वहां चोट का खतरा बना रहता है।

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