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  • Sunday, 16 November 2025
Sex hormones जिम्मेदार होता पुरुषों में प्रजनन क्षमता के लिए

Sex hormones जिम्मेदार होता पुरुषों में प्रजनन क्षमता के लिए

फिजिकल और साइकोलॉजिकल हेल्थ के लिए यह हॉर्मोन जरुरी

लंदन। पुरुषों की फिजिकल और साइकोलॉजिकल हेल्थ के लिए सेक्स हॉर्मोन बेहद जरुरी होता है। इस हार्मोन को टेस्टोस्टेरोन हार्मोन कहते हैं। टेस्टोस्टेरोन पुरुषों के अंडकोष में बनता है। इस हार्मोन का पुरुषों की आक्रामकता, चेहरे के बाल, मांसलता और यौन क्षमता से सीधा संबंध है। दरअसल, इस हार्मोन को सीधे मर्दानगी के रूप में देखा जाता है। फिजिकल और साइकोलॉजिकल हेल्थ के लिए यह हॉर्मोन सभी पुरुषों के लिए ज़रूरी है। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन कम होने से शरीर की कई क्षमताओ पर असर पड़ता है, लेकिन सबसे ज्यादा असर यौन क्षमता पर पड़ता है। यूं तो 40 साल के बाद टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में प्रति साल दो प्रतिशत की गिरावट आने लगती है लेकिन कई वजहों से पहले भी इस हार्मोन में कमी हो सकती है। कभी-कभी चोटों और बीमारियों की वजह से भी टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में कमी होने लगती है। जानकारी के मुताबिक टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में कमी को हाइपोगोनडिज्म कहा जाता है। ब्रिटिश पब्लिक हेल्थ सिस्टम के मुताबिक प्रति एक हजार में से पांच लोग हाइपोगोनडिज्म से पीड़ित होते हैं। टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण शरीर में थकान और सुस्ती आने लगती है। इससे अवसाद, चिंता, चिड़चिड़ापन सताने लगता है। टेस्टोस्टेरोन का सबसे ज्यादा प्रभाव सेक्स पर पड़ता है, इसलिए इसकी कमी से यौन संबंध बनाने की इच्छा कम होने लगती है। कुछ मामलों में नपुंसकता की शिकायतें भी आती हैं। इसकी कमी से ज़्यादा देर तक एक्सरसाइज कर पाने में दिक्कत होती है।

टेस्टोस्टेरोन की कमी से दाढ़ी और मूंछों का बढ़ना कम हो जाता है और पसीना ज़्यादा निकलने लगता है। इसके अलावा यादाश्त और एकाग्रता भी कम होने लगती है। लंबे समय तक हाइपोगोनडिज़म से हड्डियों को नुक़सान पहुंचने का जोखिम रहता है। इससे हड्डियां कमज़ोर होती हैं और फ्रैक्चर की आशंका बढ़ जाती है। जानकारी के अनुसार कई स्टडी में यह बात साबित हो चुकी है कि एक्सरसाइज से टेस्टोस्टेरोन लेवल बढ़ जाता है। टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाने के लिए वेट लिफ्टिंग सबसे बेहतर एक्सरसाइज है। कैफीन और किरेटीन मोनोहाइड्रेट भी टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ाने में फायदेमंद है। साबुत अनाज में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट की संतुलित मात्रा होती है जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बहुत ज्यादा बढ़ा सकते हैं। टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने वाले अन्य औषधीय जड़ी-बूटी हैं-हॉर्नी गॉट वीड (यह चीन और जापान में उगने वाला खर पतवार है), कौंच के बीज, शिलाजीत आदि।आप क्या खाते हैं, इसका टेस्टोस्टेरोन से सीधा संबंध है। भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट का संतुलन टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मददगार है। लेकिन बहुत ज्यादा खाना खाने से टेस्टोस्टेरोन के स्तर पर खराब असर पड़ता है।

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