सूअर की kidney में आई दिक्कत....महिला के शरीर से निकाली गई
न्यूयॉर्क। अमेरिका में एक महिला की किडनी फेल होने के बाद सूअर की किडनी लगाई थी, जिसकी दुनियाभर में खूब चर्चा हुई थी। अब करीब 47 दिनों बाद डॉक्टर्स ने ट्रांसप्लांट की गई किडनी को निकाल कर महिला को किडनी डायलिसिस पर रखा है। डॉक्टर्स का कहना है कि ट्रांसप्लांट की गई सूअर की किडनी ब्लड फ्लो प्रॉपर न होने की वजह से डैमेज हो गई, इसकारण निकालने का फैसला किया गया। सूअर की किडनी ट्रांसप्लांट करने का यह दूसरा मामला था। इसके पहले एक शख्स में सूअर की किडनी लगाई गई थी, जिसकी महज 2 महीने बाद मौत हो गई थी। 54 वर्षीय लिसा पिसानो के शरीर में सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट करने का कारनामा किया था। महिला ट्रांस्प्लांटेड किडनी के साथ 47 दिनों तक जिंदा रही, लेकिन इसके बाद किडनी डैमेज होने लगी और किडनी को निकालना पड़ा। महिला के शरीर ने किडनी को रिजेक्ट नहीं किया, लेकिन हार्ट पंप से ब्लड फ्लो सही नहीं मिला, जिसकी वजह से ऐसा करना पड़ा।
फिलहाल महिला की स्थिति स्थिर है और उसका लेफ्ट वेंट्रिक्यूलर असिस्ट डिवाइस काम कर रहा है। महिला को यह किडनी जेनेटिकली मोडिफाई किए गए सुअर से मिली थी। लिसा पिसानो दुनिया की पहली ऐसी मरीज हैं, जिनके मामले में हार्ट पंप देने के बाद किडनी ट्रांसप्लांट की गई थी। आनुवंशिक रूप से मोडिफाइड सूअर से किडनी प्राप्त करने वाले पहले मरीज 62 वर्षीय रिचर्ड स्लेमैन थे, जिन्होंने मार्च 2024 में अमेरिकी राज्य बोस्टन में ट्रांसप्लांट कराया था। वे गंभीर बीमारी का सामना कर रहे थे और किडनी ट्रांसप्लांट के 2 महीने के बाद उनकी मौत हो गई।
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