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  • Sunday, 16 November 2025
Bangladesh की तर्ज पर धीरे-धीरे विद्रोह की आग सुलग रही इस मुस्लिम मुल्क में

Bangladesh की तर्ज पर धीरे-धीरे विद्रोह की आग सुलग रही इस मुस्लिम मुल्क में

ढाका। पड़ोसी देश बांग्लादेश की स्थिति से हम सब परिचित हैं। चंद माह पहले तक यह मुल्क एक फलता-फूलता इकोनॉमी वाला देश था। यहां की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीन एक ओर चीन, दूसरी ओर भारत को साधते हुए देश की आर्थिक प्रगति को लेकर अरबों-खरबों डॉलर फंड ला रही थीं। लेकिन, अंदर ही अंदर उनके मुल्क में उनके खिलाफ की एक आग सुलग रही थी या सुलगाई जा रही थी। लेकिन, हसीना उस विद्रोही धुंए को नहीं समझ सकी। फिर अचानक मुल्क में उनके खिलाफ विद्रोह भड़का और उन्हें अपनी जान बचाकर भारत में शरण लेनी पड़ी। खैर, आज हम बांग्लादेश की नहीं बल्कि भारत के एक और करीब मुस्लिम मुल्क की बात कर रहे हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा इस्लामिक मुल्क है। देश ने रिकॉर्ड समय में बुलेट ट्रेन चला दी। यह एक अत्याधुनिक राजधानी बना रहा है। जिस पर अरबों डॉलर खर्च हो रहे है। कहा जा रहा है कि यह अत्याधुनिक राजधानी दुनिया के एक सबसे विकसित शहर लंदन को भी मात देने वाला होगा। जी, हां हम बात कर रहे हैं इंडोनेशिया की। इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा इस्लामिक मुल्क हैं।

इसकी आबादी करीब 28 करोड़ है। यह मुल्क सैकड़ों द्वीपों का मुल्क है। यहां के कुछ इलाकों में हिंदू समुदाय की आबादी भी अच्छी है। दरअसल, यह पूरा बवाल इंडोनेशिया के मौजूदा राष्ट्रपति जोको विडोडो और उनके बेटे से जुड़ा है। उनकी सरकार संसद के द्वारा देश के जनप्रतिनिधि कानून में संशोधन करना चाहती है। वहां चुनाव लड़ने की उम्र 30 साल है। दूसरी ओर राष्ट्रपति विडोडो अपने बेटे को राजनीति में लाना चाहते हैं। वे सुपुत्र को चुनाव लड़वाना चाहते हैं। लेकिन, उसकी उम्र अभी 29 साल है। इसके बाद वे संसद के जरिए इस जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन करना चाहते हैं। उनके इस प्रस्ताव को वहां की न्यायपालिका ने खारिज कर दिया है। सरकार के कदम का विरोध करने के लिए बीते कुछ समय से लोग सड़कों पर उतरे हैं। यहां भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है। जनता सरकार से सवाल कर रही है कि हम एक लोकतांत्रिक देश हैं।

इसके बाद आप अपनी मनमर्जी नहीं चला सकते। हालांकि अब इन विरोध प्रदर्शन के आगे सरकार झुक गई है। लेकिन, राष्ट्रपति विडोडो और उनकी सरकार के खिलाफ उठा विरोध का यह स्वर अन्य मुद्दों की ओर भी डायवर्ट हो सकता है। इसमें सबसे बड़ा मुद्दा नई राजधानी पर विवाद का है। विडोडो की योजना थी कि वह अपने 10 साल के शासन में इस राजधानी का निर्माण पूरा कर ले, लेकिन उनका शासन इस साल खत्म होने जा रहा है, लेकिन नई राजधानी बनाने करने का काम अधूरा पड़ा है। इस राजधानी के लिए बड़े पैमाने पर स्थानीय लोगों की जमीन ली गई है लेकिन उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिला है। इस लेकर भी वहां की जनता में राष्ट्रपति के प्रति नाराजगी है।

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