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  • Saturday, 15 March 2025
मंगल पर मंगल ही मंगल: NASA ने खोज निकाली 3 अरब साल पुरानी पानी से भरी झील

मंगल पर मंगल ही मंगल: NASA ने खोज निकाली 3 अरब साल पुरानी पानी से भरी झील

न्यूयॉर्क। मंगल ग्रह को जानने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं। रिसर्च में सबसे बड़ी खोज मानव जीवन की तलाश है। पहली बार वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर प्राचीन झील होने का दावा किया है। इससे लाल ग्रह पर जीवन की संभावना बढ़ गई है। नासा द्वारा मार्श ग्रह पर भेजे गए रोवर द्वारा एकत्रित डेटा से लाल ग्रह पर प्राचीन झील तलछट की पुष्टि हुई। रोवर से प्राप्त डेटा के अनुसार वैज्ञानिकों ने प्राचीन झील की उम्र 3 अरब साल होने का अनुमान लगाया है। वैज्ञानिक भविष्य में पृथ्वी पर परिवहन के लिए पर्सीवरेंस द्वारा एकत्र किए गए नमूनों में जेरेज़ो के तलछट की बारीकी से जांच करने के लिए उत्सुक हैं। यह रोवर मंगल पर फरवरी 2021 में जहां यह उतरा था, उसके करीब चार स्थानों पर पर्सिवियरेंस द्वारा ड्रिल किए गए प्रारंभिक कोर नमूनों के दूरस्थ विश्लेषण ने शोधकर्ताओं को उस चट्टान का खुलासा करके आश्चर्यचकित कर दिया, जो अपेक्षा के अनुरूप तलछटी के बजाय ज्वालामुखी प्रकृति की थी। दोनों अध्ययन विरोधाभासी नहीं हैं। यहां तक कि ज्वालामुखीय चट्टानों में भी पानी के संपर्क में आने से बदलाव के संकेत मिले हैं और अगस्त 2022 में उन निष्कर्षों को प्रकाशित करने वाले वैज्ञानिकों ने तब तर्क दिया था कि जमी तलछटी नष्ट हो गई होगी।दरअसल, शुक्रवार को रिपोर्ट की गई रिमफैक्स राडार रीडिंग में क्रेटर के पश्चिमी किनारे पर पहचानी गई तलछटी परतों के निर्माण से पहले और बाद में कटाव के संकेत मिले, जो वहां के एक जटिल भूवैज्ञानिक इतिहास का सबूत है।

वहां ज्वालामुखीय चट्टानें थीं जिन पर हम उतरे। पेगे ने कहा यहां वास्तविक खबर यह है कि अब हम डेल्टा की ओर बढ़ चुके हैं और अब हम इन झील के तलछटों के साक्ष्य देख रहे हैं, जो हमारे इस स्थान पर आने के मुख्य कारणों में से एक है। तो उस संबंध में यह एक सुखद कहानी है। नवीनतम अध्ययन ने इस पुष्टि का स्वागत करते कहा है कि वैज्ञानिकों ने आखिरकार इस ग्रह पर सही जगह पर अपने भू-जैविक मंगल प्रयास को अंजाम दिया है। शुक्रवार को प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, नासा के रोवर पर्सिवियरेंस ने पानी द्वारा जमी प्राचीन झील तलछट के अस्तित्व की पुष्टि करने वाले डेटा एकत्र किए हैं, जो कभी मंगल ग्रह पर जेरेज़ो क्रेटर नामक एक विशाल बेसिन को भरते थे। रोबोटिक रोवर द्वारा किए गए ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार अवलोकनों के निष्कर्ष पिछले कक्षीय इमेजरी और अन्य डेटा की पुष्टि करते हैं, जिससे वैज्ञानिकों को यह सिद्धांत मिला है कि मंगल के ये हिस्से एक बार पानी से ढके हुए थे और वहां माइक्रोबियल जीवन हो सकता है। लॉस एंजिल्स में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (यूसीएलए) और ओस्लो विश्वविद्यालय की टीमों के नेतृत्व में किया गया शोध साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित हुआ है। रोवर ने किया मंगल के उपसतह का स्कैन वर्ष 2022 में कई बार कार के आकार के छह-पहियों वाले रोवर ने मंगल ग्रह के उपसतह का स्कैन किया था।

रोवर जब मंगल ग्रह की सतह के पार कक्षा से मिलते-जुलते, तलछटी जैसी विशेषताओं के आसन्न विस्तार पर क्रेटर अपना रास्ता बना रहा था। यह विश्लेषण उसी पर आधारित हे जो, पृथ्वी पर पाए जाने वाले नदी के डेल्टा जैसा है। यूसीएलए के पहले लेखक व ग्रह वैज्ञानिक डेविड पेज ने कहा, रोवर के रिमफैक्स राडार उपकरण की ध्वनि ने वैज्ञानिकों को 65 फीट (20 मीटर) गहरी चट्टान की परतों का क्रॉस-सेक्शनल दृश्य प्राप्त करने के लिए भूमिगत झाँकने की अनुमति दी, लगभग सड़क के कट जैसा दिखने वाली परतें इस बात का अचूक सबूत देती हैं कि पानी द्वारा लाई गई मिट्टी की तलछट जेरेज़ो क्रेटर और उसके डेल्टा में एक नदी से जमा हुई थी जो इसे पोषित करती थी। ठीक उसी तरह जैसे वे पृथ्वी पर झीलों में मौजूद हैं। निष्कर्षों ने उस बात को पुष्टि की है, जो पिछले अध्ययनों ने लंबे समय से सुझाई थी - कि ठंडा, शुष्क, बेजान मंगल ग्रह कभी गर्म, गीला और शायद रहने योग्य था।

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