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  • Friday, 22 November 2024
Hartalika Teej पर पड़ रहा शुभ योग

Hartalika Teej पर पड़ रहा शुभ योग

सनातन मान्यताओं के अनुसार हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ता है। इस वर्ष शुक्रवार 6 सितंबर 2024 को हरतालिका तीज व्रत पड़ेगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र, आयु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए बिना पानी के उपवास रखती है। इसे इसी कारण निर्जला उपवास भी कहा जाता है। ये उपवास सभी व्रतों में कठिन माना जाता है, क्योंकि इसका पारण अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त में होता है। तब तक पानी भी नहीं पीया जा सकता है।
इस साल हरतालिक तीज पर कई शुभ योग बन रहे हैं। पंचांग के अनुसार इस दिन शुक्ल योग बन रहा है। इस दौरान चन्द्रमां तुला राशि में रहेंगे। ऐसे में पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती हैं।
इस प्रकार करें पूजा :
हरतालिका तीज के शुभ दिन पर पूजा का मुहूर्त सुबह 6 बजकर 2 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक रहने वाला है। इस अवधि में आप शिव-पार्वती की पूजा कर सकते हैं।
तीज पर पूजा करने के लिए सबसे पहले ब्रह्ममुहूर्त में ही स्नान कर लें। फिर साफ वस्त्रों को धारण करें। शुभ महुर्त के अनुसार पूजा की सभी सामग्रियों को एकत्र कर लें। इस दौरान सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार के साथ पूजा में बैठे।
सबसे पहले शुद्ध काली मिट्टी से शिव-पार्वती और गणेश जी की मूर्ति बनाएं। फिर जहां भी पूजा कर रहे हैं, वहां पर केले के पत्तों से मंडप बना लें। इसके बाद गौरी-शंकर की मूर्ति को चौकी पर स्थापित कर लें। अब गौरी-शंकर की मूर्ति का गंगाजल, पंचामृत से अभिषेक करें।
भगवान गणेश को दूर्वा और जनेऊ चढ़ाएं। इस दौरान भगवान शिव को चंदन, मौली, गुलाल, अक्षत, धतूरा, आंक के पुष्प, भस्म, अबीर, 16 प्रकार की पत्तियां आदि अर्पित करें। इस दौरान देवी पार्वती को सुहाग की सामग्री चढ़ाएं।
अब धूप, दीप लगाकर हरतालिका तीज व्रत की कथा सुनें, और बाद में आरती करें। रात्रि जागरण कर हर प्रहर में इसी तरह पूजा करें। आप अगले दिन अंतिम प्रहर की पूजा के बाद देवी पार्वती को चढ़ाया हुआ सिंदूर अपनी मांग में भर सकती हैं। वहीं मट्टी के शिवलिंग का विसर्जन कर दें और सुहाग की सामग्री को दान में दें। इसके बाद व्रत खोल लें।

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