Dark Mode
  • Friday, 22 November 2024
‎वित्त वर्ष 2025 में रियल जीडीपी 7.2 फीसदी बढ़ने का अनुमान: Shaktikanta Das

‎वित्त वर्ष 2025 में रियल जीडीपी 7.2 फीसदी बढ़ने का अनुमान: Shaktikanta Das

बेहतर कृषि परिदृश्य और ग्रामीण मांग के कारण निजी उपभोग को लेकर बेहतर संभावनाएं हैं

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि भारत विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा ‎कि देश में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रियल जीडीपी 7.2 प्रतिशत से बढ़ने की संभावना है। शक्तिकांत दास ने आरबीआई के मासिक बुलेटिन में कहा कि बेहतर कृषि परिदृश्य और ग्रामीण मांग के कारण निजी उपभोग को लेकर बेहतर संभावनाएं ‎दिखाई दे रही हैं। सेवाओं में निरंतर उछाल से शहरी मांग को भी समर्थन मिलेगा। केंद्र और राज्यों के सरकारी व्यय में बजट अनुमानों के अनुरूप तेजी आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा ‎कि उपभोक्ता और कारोबारियों के आशावादी रहने, पूंजीगत व्यय पर सरकार के निरंतर जोर और बैंकों और कंपनियों की हेल्दी बैलेंस शीट से निवेश गतिविधि को लाभ मिलेगा। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, 2024-25 के लिए रियल जीडीपी वृद्धि 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जिसमें जीपीडी वृद्धि दूसरी तिमाही में 7.0 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 7.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 7.4 प्रतिशत रहेगी। आरबीआई के दस्तावेज के अनुसार 2025-26 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इस बीच 2024-25 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जिसमें यह दूसरी तिमाही में 4.1 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.2 प्रतिशत रहेगी। 2025-26 की पहली तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा ‎कि खाद्य मूल्य गति में तेजी और प्रतिकूल आधार प्रभावों के कारण सितंबर महीने में सीपीआई प्रिंट को लेकर उछाल देखने को मिलेगा। यह 2023-24 में प्याज, आलू, चना दाल के उत्पादन में कमी का भी प्रभाव रहेगा। आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि घरेलू विकास ने अपनी गति बनाए रखी है और निजी खपत और निवेश में भी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा ‎कि विकास में लचीलापन हमें मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित करने देता है। जिसके साथ हमें मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत के उद्देश्य तक कम करने में मदद मिल रही है। मौजूदा मुद्रास्फीति और विकास की स्थितियों और दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, एमपीसी ने रुख को न्यूट्रल में बदला। दास ने कहा ‎कि हम फ्रिक्शनल और ड्यूरेबल लिक्विडिटी को नियंत्रित करने के लिए उपकरणों का एक सही मिश्रण तैयार करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मुद्रा बाजार की ब्याज दरें व्यवस्थित तरीके से विकसित हों।

Comment / Reply From

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!