Jeffrey Epstein case: 10 लाख से अधिक नए दस्तावेज मिले, खुलासे हुए तो मचेगा बवाल
वॉशिंगटन। अमेरिका के चर्चित जेफरी एपस्टीन मामले में एक बड़ा मोड़ आया है। न्याय विभाग ने बुधवार को घोषणा की कि इस मामले से संबंधित 10 लाख से अधिक नए दस्तावेज बरामद हुए हैं। इन दस्तावेजों की विशाल संख्या को देखते हुए इन्हें सार्वजनिक करने की प्रक्रिया में अब और विलंब होने की संभावना है। विभाग के अनुसार, इन फाइलों की गहन समीक्षा और संवेदनशील जानकारी को सुरक्षित करने की प्रक्रिया में अभी कई हफ्तों का समय लग सकता है। यह नया घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब अमेरिकी कांग्रेस ने 19 दिसंबर तक सभी एपस्टीन फाइलों को जारी करने की अंतिम समय सीमा निर्धारित की थी। हालांकि, नई सामग्री की बरामदगी ने इस पूरी प्रक्रिया को और अधिक पेचीदा बना दिया है। न्याय विभाग का कहना है कि न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय और संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) ने मिलकर इन अतिरिक्त दस्तावेजों को खोज निकाला है। हालांकि, विभाग ने स्पष्ट रूप से यह जानकारी साझा नहीं की है कि ये दस्तावेज वास्तव में कब मिले या इनका स्रोत क्या था। दस्तावेजों की सार्वजनिक रिलीज में हो रही देरी का मुख्य कारण उनकी भारी मात्रा और कानूनी बारीकियां हैं। विभाग के वकीलों की टीम निरंतर इन पन्नों की समीक्षा कर रही है ताकि पीड़ितों की पहचान और अन्य संवेदनशील विवरणों को कानून के दायरे में रहकर सुरक्षित रखा जा सके। इस प्रक्रिया में मुख्य रूप से उन हिस्सों को हटाया या धुंधला (रेडैक्शन) किया जाता है, जिनसे किसी निर्दोष व्यक्ति या पीड़ित की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
न्याय विभाग ने आश्वासन दिया है कि वे जितनी जल्दी हो सके इन दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन गुणवत्ता और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए कुछ और हफ्तों का धैर्य रखना अनिवार्य है। गौरतलब है कि एपस्टीन फाइलों को जारी करने का कानून पिछले महीने लगभग सर्वसम्मति से पारित किया गया था, जिसका उद्देश्य इस हाई-प्रोफाइल मामले में पूरी पारदर्शिता लाना था। इससे पहले भी हजारों दस्तावेज जारी किए जा चुके हैं, लेकिन वर्तमान में मिले 10 लाख से अधिक नए पन्ने इस मामले की जांच की दिशा बदल सकते हैं। इस देरी ने कई हलकों में चर्चाएं भी तेज कर दी हैं कि इतने महत्वपूर्ण और विशाल दस्तावेज अब तक जांच एजेंसियों की नजरों से दूर कैसे रहे। न्याय विभाग ने स्पष्ट किया है कि उनकी प्राथमिकता पीड़ितों की सुरक्षा है और वे कानून का पूरी तरह पालन करते हुए इस कार्य को संपन्न करेंगे।
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