17 साल बाद लंदन से ढाका लौटे Tarique Rahman, सड़कों पर समर्थकों का सैलाब, बढ़ा बांग्लादेश का सियासी तापमान
ढाका। बांग्लादेश की राजनीति में बुधवार को एक बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला, जब बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान 17 साल के लंबे निर्वासन के बाद लंदन से स्वदेश लौट आए। तारिक रहमान का विमान पहले सिलहट के उस्मानी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा, जहां से वे ढाका के लिए रवाना हुए। उनकी वापसी को बीएनपी फरवरी 2026 में प्रस्तावित आम चुनावों से पहले एक बड़ी राजनीतिक उपलब्धि के रूप में देख रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, तारिक रहमान सिलहट पहुंचने के बाद अपनी मां और बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया से मिलने के लिए अस्पताल जाने वाले हैं। इसके बाद वे पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। तारिक की वापसी की खबर मिलते ही बीएनपी समर्थकों में उत्साह की लहर दौड़ गई और देश के कई हिस्सों, खासकर ढाका और सिलहट में सड़कों पर समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा। इस बीच बांग्लादेश में हालात पहले से ही तनावपूर्ण बने हुए हैं। बुधवार को ढाका में हुए एक शक्तिशाली विस्फोट के बाद राजधानी में फिर हिंसा भड़क उठी। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि भड़की भीड़ ने देर रात ढाका विश्वविद्यालय परिसर में जमकर तोड़फोड़ की। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उपद्रवी काजी नजरुल इस्लाम की कविताएं पढ़ते और धार्मिक नारे लगाते हुए टेबल-कुर्सियां तोड़ते रहे, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। ऐसे संवेदनशील माहौल में तारिक रहमान की वापसी को लेकर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं। बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक, हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
वीवीआईपी टर्मिनल के मुख्य द्वार पर सुरक्षा की कई परतें तैनात की गई हैं, जिनमें सेना, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी), वायुसेना, पुलिस और रैपिड एक्शन बटालियन (रैब) के जवान शामिल हैं। तारिक रहमान को एयरपोर्ट से बुलेटप्रूफ बस के जरिए बाहर ले जाया जाएगा। द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, तारिक रहमान का विमान स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 11:45 बजे सिलहट से उड़ान भरकर दोपहर करीब 12 बजे ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंड करेगा। एयरपोर्ट पर पार्टी नेताओं और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की मौजूदगी की भी जानकारी सामने आई है। गौरतलब है कि इससे पहले 19 दिसंबर को छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद पूरे बांग्लादेश में हिंसा और विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया था। ऐसे में तारिक रहमान की वापसी ने देश के पहले से गर्म राजनीतिक माहौल को और अधिक उबाल पर ला दिया है। अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि तारिक रहमान की सक्रिय राजनीति में वापसी बांग्लादेश की सत्ता की तस्वीर को किस दिशा में मोड़ती है।
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