
रात भर में 1 किमी पीछे चला जाता है पानी, झील हो जाती है गायब
- ऑस्ट्रेलिया में कैनबरा फेडरल हाईवे के ठीक बगल में है यह झील
कैनबरा। एक झील ऐसी भी है जिसका पानी एक ही रात में किनारे से एक किलोमीटर तक पीछे चला जाता है और फिर रहस्यमयी ढंग से ‘गायब’ हो जाती है। लेक जॉर्ज झील ऑस्ट्रेलिया में कैनबरा से लगभग 40 किलोमीटर नॉर्थ-ईस्ट में फेडरल हाईवे के ठीक बगल में एक बड़ी झील है। रिपोर्ट के अनुसार, लेक जॉर्ज झील में पानी कब आता है और कब चला जाता है, पता ही नहीं चलता है। जब झील पूरी तरह भर जाती है तो 155 वर्ग किलोमीटर में फैल जाती है और इसका पूर्वी छोर फेडरल हाईवे के किनारे से टकराता है, लेकिन इस हद तक सूख जाती है कि इसका नामो निशान मिट जाता है। इसकी सूखी जमीन का इस्तेमाल जानवर चरने के लिए करते हैं। लेक जॉर्ज दुनिया की सबसे पुरानी झीलों में से एक है, माना जाता है कि इसका निर्माण दस लाख साल से भी पहले हुआ था।
इस झील का पानी समुद्र के समान खारा होता है।
1800 के दशक की शुरुआत में, झील काफी बड़ी थी, लेकिन 1840 के दशक तक यह इतनी सूखी थी कि कोई भी इसके बीच से गाड़ी चला कर पार कर सकता था। कुछ लोगों का मानना था कि झील को पानी एक सीक्रेट अंडरग्राउंड झरने से मिलता है, लेकिन बताते हैं कि, ‘अगर अधिक वर्षा होती है, तो झील भर जाती है।’ इस झील के रहस्यमयी ढंग से भरने और सूखने की घटनाओं ने ऑस्ट्रेलियाई लोगों की पीढ़ियों को चकित कर दिया है। ऑस्ट्रेलियाई भूविज्ञानी पैट्रिक डी डेकर ने कहा कि आखिरी बार उन्होंने झील को 1971 में भरा हुआ देखा था। 1960 के दशक के अंत में, जॉर्ज झील लगभग सूख गई। 1986 में झील फिर सूखी, फिर 1996 में एक बार फिर भर गई। फिर 2002 से 2010 तक पूरी तरह सूख गई। 2016 में झील में काफी पानी देखा गया। लेक जॉर्ज के पानी का सूख जाना और फिर आ जाना लंबे समय तक एक रहस्य था।
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