Dark Mode
  • Thursday, 13 February 2025
Vasundhara Raje और पीएम मोदी की मुलाकात से सियासी गलियारों में हलचल

Vasundhara Raje और पीएम मोदी की मुलाकात से सियासी गलियारों में हलचल

कई आयोजनों में बिना किसी का नाम लिए चलते रहे सियासी तीर

जयपुर। पिछले दिनों बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व पर तीखा हमला बोलने वाली राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को दिल्ली में पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। वसुंधरा राजे ने इसे शिष्टाचार भेंट बताते हुए इस मुलाकात के फोटो अपने एक्स पर शेयर किए हैं, लेकिन राजे की पीएम मोदी से इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। बता दें वसुंधरा राजे बीते कई दिनों से कई आयोजनों में बिना किसी का नाम लिए सियासी बयानबाजी करती रही हैं। राजे की इस मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं शुरु हो गई हैं। राज्य में बीजेपी की सरकार होने के बावजूद उससे दूरी बनाने वाली राजे गाहे-बगाहे गहरे बयान देती रही हैं। राजे के ये बयान सियासी गलियारों में काफी चर्चा में रहते हैं। दो बार राजस्थान की सीएम रह चुकी और बीजेपी की कद्दावर नेता वसुंधरा राजे के बयानों को लेकर हालांकि पार्टी की तरफ से कभी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आती लेकिन उनके कई मायने निकाले जाते हैं। इसके कारण राजे चुप रहकर भी राजस्थान की राजनीति में छाई हैं। वसुंधरा राजे ने नंवबर में झालावाड़ में महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण करते हुए अपनी पार्टी के कई नेताओं पर तीर चलाए थे। उस मौके पर दिया राजे का बयान अभी भी चर्चा बना हुआ है। उसके बाद जब पार्टी में हलचल हुई तो राजे को कद्दावर नेता बताते हुए उनके बयानों से किनारा कर लिया था।

उस कार्यक्रम में वसुंधरा राजे ने कहा था कि बादल कुछ देर तो सूरज के आगे आकर उसे छिपा सकते हैं लेकिन ज्यादा देर तक उसका तेज रोकने का उनमें सामर्थ्य नहीं होता है। इसके साथ वसुंधरा राजे ने कहा कहा था कि आजकल लोग पीठ में छुरा घोंपने में भी माहिर हैं। इस कार्यक्रम में राजे ने अत्यंत विकट परिस्थिति का जिक्र करते हुए कहा था कि जो हालत से हार नहीं मानते हैं जीत उन्हीं की होती है। इन बयानों के करीब एक माह बाद अब राजे की पीएम मोदी से मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। पिछले विधानसभा चुनाव में प्रभावी में भूमिका नहीं मिलने से राजे के खफा होने की काफी चर्चाएं रही थी। विधानसभा चुनाव के बाद राजे के तीसरे बार सीएम बनने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था, लेकिन ऐसा हो नहीं हुआ और पार्टी ने राजस्थान की कमान पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को सौंप दी। उसके बाद से राजे ने कई बार पार्टी और सार्वजनिक समारोह में बिना किसी का नाम लिए कई तीर चलाए।

Comment / Reply From

You May Also Like

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!