Sri Lanka का नया राष्ट्रपति चीन का दोस्त, अब कैसे होंगे रिश्ते
कोलंबो। नेशनल पीपुल्स पावर के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके राष्ट्रपति चुनाव जीत चुके हैं और अब वो श्रीलंका के नौवें राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। खास बात यह है कि दिसानायके चीन के खास दोस्त माने जाते रहे हैं। यही नहीं उन्हें भारत का मुखर विरोधी माना जाता हैं। उन्होंने कई मौकों पर अपने बयान में भारत विरोधी बातें बोली हैं। अब ऐसे में श्रीलंका भारत या चीन किसे ज्यादा तवज्जोह देगा यह देखने वाली बात होगी। यहां बताते चलें कि साल 1980 के श्रीलंका के गृह युद्ध में भारत-श्रीलंका शांति समझौते के जरिए भारत के हस्तक्षेप का अनुरा कुमारा दिसानायके ने विरोध किया था। साथ ही भारत के श्रीलंका में लिट्टे से निपटने के लिए पीसकीपिंग फोर्स का भी उन्होंने विरोध किया था। साथ ही उन्होंने अभी हाल ही में श्रीलंका में चल रहे अडानी समूह के 484 मेगावाट वाले 44 करोड़ के समझौते को रद्द करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि अगर मैं राष्ट्रपति बनता हूं तो इस प्रोजेक्ट को रद्द कर दूंगा।दिसानायके तो कई मौकों पर भारत का विरोध कर चुके हैं। साथ ही उनकी मार्क्सवादी, लेनिनवादी झुकाव को ध्यान में रखें तो वे भविष्य में चीन के समर्थक साबित होंगे। हालांकि, एनपीपी के राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के मेंबर ने बताय, ‘हमारी पार्टी या हमारे नेता भारत के साथ जुड़ना चाहते हैं। भारत निश्चित रूप से हमारा पड़ोसी और एक महाशक्ति है।
हाल ही में, हमें भारत द्वारा एक कृषि शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया था। हमने दिल्ली और केरल का दौरा किया। हमारे नेता श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए सभी प्रमुख शक्तियों से समझौता चाहते हैं।रविवार को वोटिंग के बाद वोटों की काउंटिंग हो रही है। दिसानायके को 22 में से 7 जिलों की पोस्टल वोटिंग में 56 प्रतिशत वोट मिले हैं। एक तरीके से कहा जाए तो उन्होंने ने इस चुनाव में अजेय बढ़त बना लिया है। उनके विरोधी वर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और साजिथ प्रेमदासा को 19-19 प्रतिशत वोट मिले हैं। आपको बताते चलें कि दिसानायके की पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) भारत विरोधी पार्टी मानी जाती है। कई मौके पर भारत का विरोध कर चुके हैं। वामपंथी पार्टी होने की वजह से चीन प्रति इनका झुकाव माना जाता है।दिसानायके की पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) को 2022 में श्रीलंका संकट के बाद से जनता के बाद काफी लोकप्रियता मिली। अपने जोशिले भाषणों में गरीबों की मदद और वामपंथी नीतियों से लगातार जनता के बीच पॉपुलर होते रहे हैं। वहीं, श्रीलंका संकट में उनको जनता के बीच उभरने का खासा मिला। आपको बताते चलें कि दिसानायके कोलंबो जिला से सांसद हैं। वह 2019 में श्रीलंका के राष्ट्रपति का चुनाव लड़ चुके हैं। वह 2024 का एनपीपी मोर्चे से लड़ रहे हैं। एनपीपी कई पार्टियों का एलायंस है, जिसके नेता दिसानायके हैं। आपको बता दे कि दिसानायके की पार्टी जेवीपी के संसद में तीन नेता हैं। वे नेशनल पीपुल्स पावर एलायंस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी मार्क्सवादी-झुकाव वाली जेवीपी पार्टी पारंपरिक रूप से मजबूत देश (चीन) का हस्तक्षेप और बंद बाजार आर्थिक नीतियों के समर्थक है।
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