भारतीय पर्यटकों के मालदीव के बायकॉट से Sri Lanka हुआ मालामाल
2024 में करीब 6 लाख भारतीय पर्यटक आने की संभावना
कोलंबो। भारत और मालदीव पिछले कुछ महीनों से विवाद चल रहा है। भारत ने अपने पर्यटकों को मालदीव नहीं जाने की हिदायत दी थी जिससे मालदीव की भारतीय पर्यटकों से होने वाली कमाई पर असर पड़ा है। भारत और मालदीव की लड़ाई में तीसरा देश मौज कर रहा है। भारतीय पर्यटकों ने मालदीव का बायकॉट किया तो पड़ोसी देश श्रीलंका की तो जैसे लॉटरी लग गई। मालदीव से मुंह मोड़ने के बाद भारतीय पर्यटक अब श्रीलंका का रुख कर रहे हैं और वहां जमकर पैसे खर्च कर रहे हैं। साल 2022 के मुकाबले 2023 में श्रीलंका जाने वाले इंडियन टूरिस्ट्स की संख्या करीब दोगुनी हो गई। टूरिस्ट की संख्या मालदीव से रिश्ते बिगड़ने के बाद ज्यादा बढ़ी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में 302,844 भारतीय पर्यटक श्रीलंका छुट्टियां मनाने गए थे। यह साल 2022 के 123,004 के मुकाबले दोगुना है। श्रीलंका सरकार का अनुमान है कि 2024 में करीब 6 लाख भारतीय पर्यटक आने की संभावना है।
भारतीय पर्यटकों को लुभाने के लिए श्रीलंका के पर्यटन विभाग ने एक खास अभियान भी चलाया है। मुंबई, दिल्ली जैसे शहरों में रोड शो करवा रही है। कई और शहरों में रोड शो का प्लान है। श्रीलंका के पर्यटन मंत्री हारिन फर्नांडो ने माना है कि भारत-मालदीव के विवाद का फायदा उन्हें मिला है। फर्नांडो ने कहा कि भारतीय पर्यटक ने मालदीव का बायकॉट किया। इसका फायदा हमें मिला। वह कहते हैं कि साल 2030 तक भारत, टूरिज्म में चौथा सबसे ज्यादा पैसा खर्च करने वाला देश बन जाएगा। इसलिए हमारी नजर भारतीय पर्यटकों पर टिकी हैं। मालदीव फैक्टर ने हमारी मदद की। श्रीलंका पर्यटन विभाग के मुताबिक साल 2023 में वहां कुल 1,487,303 पर्यटक आए थे जिसमें से अकेले 30,2844 भारतीय पर्यटक थे। जुलाई 2023 के बाद से भारतीय पर्यटक की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक इस साल जनवरी में 15,006, फरवरी में 11,252, मार्च में 7,668 और अप्रैल में 8,712 भारतीय पर्यटक मालदीव गए।
मालदीव ऐसा देश है, जिसकी इकोनॉमी मुख्य तौर पर टूरिज्म पर टिकी है। पिछले कई सालों से भारतीय पर्यटक का इसमें सबसे बड़ा योगदान रहा है। बता दें कुछ महीने पहले चीन समर्थित मोहम्मद मुइज्जू जब मालदीव के राष्ट्रपति बने तो उन्होंने भारत को लेकर उल्टे-सीधे बयान देने शुरू कर दिए थे। भारतीय सैनिकों को देश से निकालने की जिद पकड़ ली। बार-बार डेडलाइन देने लगे। इसी बीच पीएम नरेंद्र मोदी केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप गए और वहां के बीच से लेकर लैंडस्केप की खूबसूरती साझा की थी। इसके बाद भारतीय पर्यटकों ने भी मालदीव को छोड़कर लक्षदीप का रुख करना शुरु कर दिया था।
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