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  • Saturday, 15 November 2025
सूरत के ऑपरेशन निर्विरोध में  Returning Officer की भूमिका संदेह के घेरे में

सूरत के ऑपरेशन निर्विरोध में Returning Officer की भूमिका संदेह के घेरे में

-भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के निर्देशन में संपन्न हुआ ऑपरेशन?
-छात्र संघ चुनाव की तरह लड़ा गया सूरत संसदीय क्षेत्र का चुनाव


अहमदाबाद। गुजरात के सूरत संसदीय क्षेत्र से भाजपा के मुकेश दलाल को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया है। यह ऑपरेशन देश एवं सारी दुनिया में रातों-रात चर्चित हो गया है। 7 मई को यहां पर मतदान होना था। कांग्रेस के उम्मीदवार नीलेश कुम्भाणी तथा कांग्रेस के डमी प्रत्याशी सुरेश पडसाला सहित आठ प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों का पर्चा निरस्त होने के बाद, शेष उम्मीदवारों के नाम वापसी का ऑपरेशन एक फाइव स्टार होटल और एक फार्म हाउस से चलाया गया। इस आपरेशन में रिटर्निंग ऑफिसर और एक नोटरी की भूमिका अहम बताई जा रही है। नोटरी ने शपथ पत्र तैयार कराए थे। रिटर्निंग ऑफिसर ने बिना शपथ पत्र सत्यापित कराये, कांग्रेस उम्मीदवार के परचों को निरस्त कर दिया। शेष उम्मीदवारों की नाम वापसी में भी कुछ इसी तरीके की प्रक्रिया अपनाई गई। पूर्व में होने वाले छात्र संघ की तर्ज पर हुए इस चुनाव की चर्चा अब सारे देश में हो रही है।


कांग्रेस उम्मीदवार कुंभाड़ी ने अपने प्रस्तावक और समर्थक के रूप में बहनोई जगदिया सावलिया, बिजनेस पार्टनर ध्रुविन धामेलिया और रमेश पोलरा को अपना प्रस्तावित बनाया था। कांग्रेस के डमी प्रत्याशी सुरेश पडशाला का प्रस्तावक भांजे भौतिक कोलडिया को बनवाया था। रिटर्निंग ऑफिसर के सामने पर्चे दाखिल किए गए। कोई भी प्रस्तावक और समर्थक रिटर्निंग ऑफिसर के सामने पेश नहीं हुआ। उसके बाद से कांग्रेस प्रत्याशी भी भूमिगत हो गए। उम्मीदवार समर्थक और प्रस्तावक सभी को भूमिगत बताया जा रहा है। रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा इसके बाद कारण बताओं नोटिस जारी किया गया। इस नोटिस का जवाब देने के लिए कोई भी हाजिर नहीं हुआ। प्रस्तावक और समर्थन की ओर से फर्जी हस्ताक्षर वाले शपथ पत्र जरूर रिटर्निंग ऑफिसर के पास पेश किए गए। शपथ पत्र मिलने के बाद रिटर्निंग ऑफिसर ने दोनों उम्मीदवारों के परचों को खारिज कर दिया।
रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा शपथ पत्र को आधार मानकर पर्चे खारिज किए गए। जिनके शपथ पत्र थे, उनका भौतिक सत्यापन भी रिटर्निंग ऑफिसर ने नहीं कराया। पहले वाले हस्ताक्षर फर्जी थे, या फर्जी हस्ताक्षर वाले शपथ पत्र पेश किए गए हैं। इसका सत्यापन रिटर्निंग ऑफिसर ने नहीं किया।


ऑपरेशन निर्विरोध का दूसरा पार्ट
सूरत में ऑपरेशन निर्विरोध की कमान सूत्रों के अनुसार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटील ने संभाल रखी थी। सूरत के एक फाइव स्टार होटल में 24 घंटे के अंदर अन्य उम्मीदवारों के नाम वापसी का ऑपरेशन चलाया गया। सभी उम्मीदवारों को खोजा गया। उन्हें एक फार्म हाउस और फाइव स्टार होटल में लाया गया। कहा जा रहा है, इसमें सूरत पुलिस की मदद भी ली गई। इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए भाजपा ने छात्र राजनीति की तरह साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपनाई। सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी, ग्लोबल रिपब्लिकन पार्टी और अन्य चार के प्रत्याशियों के अंतिम दिन नामांकन पत्र वापस लेकर, निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता साफ किया गया।


निर्विरोध ऑपरेशन लोटस
चारों निर्दलीय प्रत्याशियों को फाइव स्टार होटल में लाया गया। आमने-सामने बिठाकर उन्हें राजी किया गया। अन्य दलों के प्रत्याशियों के शपथ पत्र और नाम वापसी के फार्म पर हस्ताक्षर कराए गए। ऑपरेशन निर्विरोध में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रिटर्निंग ऑफिसर की मानी जा रही है। कांग्रेस उम्मीदवारों के नामांकन में जो प्रस्तावक और समर्थक थे, उनके फर्जी हस्ताक्षर को लेकर शपथ पत्र पेश किए गए। रिटर्निंग ऑफिसर के सामने कोई भी पेश नहीं हुआ। इस सारे ऑपरेशन में एक नोटरी द्वारा सभी के शपथ पत्र तैयार कराए जाने की बात सामने आ रही है। इस तरह सूरत में भाजपा के उम्मीदवार को निर्विरोध निर्वाचित कराने का जो ऑपरेशन शुरू किया गया, वह पूर्ण रूप में सफल हुआ। इसमें सबसे बड़े आश्चर्य की बात यह है, कि प्रस्तावक और समर्थक के जो शपथ पत्र पेश किए गए हैं, उसमें फर्जी हस्ताक्षर किए जाने का दावा किया है। रिटर्निंग ऑफिसर के सामने उन्होंने स्वयं अपने शपथ पत्र पेश नहीं किये। रिटर्निंग ऑफिसर ने शपथ पत्र स्वीकार भी कर लिये। शपथ पत्र को आधार बनाकर सूरत संसदीय क्षेत्र का यह पूरा निर्विरोध ऑपरेशन संपन्न हुआ है, जिसकी सारे देश पर चर्चा हो रही है।


अदालती लड़ाई लड़ेगी कांग्रेस
सूरत में जिस तरह से ऑपरेशन चलाकर भाजपा प्रत्याशी को निर्विरोध चुनाव जिताया गया है। उसके संबंध में अब कांग्रेस और विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ने इसे गंभीरता से लिया है। इस मामले को अब सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की बात सामने आ रही है। रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में जिस तरह का खेल किया गया था, कांग्रेस नेताओं का मानना है, सूरत में उसकी पुनरावृत्ति हुई है।

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