Hezbollah तक पेजर पहुंचाने के लिए मोसाद की 9 साल से चल रही थी प्लानिंग
बेरूत। लेबनान में आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह द्वारा इस्तेमाल किए गए हजारों पेजर और वॉकी-टॉकी में 17 और 18 सितंबर को हुए विस्फोटों ने 30 से अधिक लोगों की जान ले ली और हजारों को घायल कर दिया। इस ऑपरेशन की शुरुआत 2015 में इजरायली जासूसी एजेंसी मोसाद द्वारा की गई थी। अधिकारियों का कहना है कि इज़रायल ने नौ वर्षों तक हिजबुल्लाह पर जासूसी की और संकट के समय में वॉकी-टॉकी को बम में बदलने का विकल्प रखा। एक शक्तिशाली विस्फोटक से लैस पेजर का विकास 2022 में किया गया था और इसका इस्तेमाल हिजबुल्लाह के खिलाफ किया गया। इज़रायली विशेषज्ञों ने बताया कि ये पेजर भारी थे और बड़ी बैटरी से लैस थे, जो उन्हें विस्फोटक रखने के लिए उपयुक्त बनाते थे। पेजर की टू-स्टेप डी-एन्क्रिप्शन प्रक्रिया के चलते उपयोगकर्ताओं को इसे चालू करने के लिए दोनों हाथों का इस्तेमाल करना पड़ता था, जिससे विस्फोट के समय गंभीर चोटें लगने की संभावना बढ़ गई थी। विस्फोटक पेजर 2022 में इज़रायल में निर्मित किए गए थे और थाई कंपनी अपोलो को बताए बिना सप्लाई चेन में जोड़े गए।
एक सेल्स प्रतिनिधि ने हिजबुल्लाह को 5,000 पेजर खरीदने के लिए राजी किया, यह बताकर कि ये उपकरण इजरायली जासूसी के लिए असुरक्षित थे। जब इज़रायल ने तय किया कि अब पेजरों को सक्रिय करने का समय आ गया है, तब हिजबुल्लाह के लड़ाकों को एक एन्क्रिप्टेड संदेश प्राप्त हुआ, जिसमें कहा गया था कि इसे पढ़ने के लिए दोनों हाथों का उपयोग करना होगा। इस प्रकार, इज़रायल ने सुनिश्चित किया कि हिजबुल्लाह के आतंकवादियों को जो चोटें आएंगी, वे गंभीर होंगी, जिससे उनके हाथ शरीर से अलग हो सकते हैं। इस खुलासे ने एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इज़रायल और हिजबुल्लाह के बीच बढ़ती तनाव को उजागर किया है।
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