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  • Friday, 22 November 2024
तीन धर्मों का पवित्र शहर Jerusalem: जहां दशकों से है विवाद की स्थिति

तीन धर्मों का पवित्र शहर Jerusalem: जहां दशकों से है विवाद की स्थिति

येरुशलम। येरुशलम, जो दुनिया के सबसे पवित्र शहरों में से एक है। तीन प्रमुख धर्मों—ईसाई, इस्लाम और यहूदी धर्म के अनुयायियों के लिए यह अत्याधिक धार्मिक महत्व वाला स्थान है। यह शहर भूगोल में छोटा होते हुए भी सालों से धार्मिक और राजनीतिक तनाव का केंद्र बना रहा है। इसका पुराना हिस्सा, जिसे ओल्ड सिटी कहा जाता है, चारों ओर से किले की दीवारों से घिरा है, और इसके अंदर तीनों धर्मों के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल स्थित हैं। ईसाई धर्म के लिए, येरुशलम में स्थित चर्च ऑफ द होली सेपल्कर वह स्थान माना जाता है जहाँ यीशु मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था और उनका पुनरुत्थान हुआ था। दुनियाभर से ईसाई श्रद्धालु यहां प्रार्थना करने आते हैं और इसे अपने धर्म का सबसे पवित्र स्थल मानते हैं। मुसलमानों के लिए येरुशलम का डोम ऑफ द रॉक और अल-अक्सा मस्जिद इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है। इस्लामी मान्यता के अनुसार, पैगंबर मोहम्मद ने मक्का से येरुशलम तक की रात की यात्रा की थी, और यहीं से वे जन्नत की ओर गए थे। मुस्लिम समुदाय के लिए यह स्थान अत्यधिक धार्मिक महत्व रखता है। यहूदी धर्म में, येरुशलम का वेस्टर्न वॉल (पश्चिमी दीवार) उनके प्राचीन मंदिर का अवशेष है। यह दीवार यहूदियों के लिए पवित्र स्थल है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यहीं पर इब्राहिम ने अपने बेटे की कुर्बानी देने का प्रयास किया था। यहूदी यहां आकर प्रार्थना करते हैं और इसे अपने इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

1967 में, इजरायल और अरब देशों के बीच हुए छह-दिवसीय युद्ध के बाद, इजरायल ने पूर्वी येरुशलम को अपने नियंत्रण में ले लिया। इस क्षेत्र में स्थित अल-अक्सा मस्जिद का प्रबंधन एक इस्लामी समूह को सौंप दिया गया, लेकिन इजरायली सेना की वहां पहुंच बनी रही। इस निर्णय ने येरुशलम में धार्मिक और राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया। मुस्लिम समुदाय चाहता था कि मस्जिद के पवित्र क्षेत्रों तक केवल मुसलमानों को ही जाने की अनुमति दी जाए, जबकि इजरायल ने अन्य धर्मों को भी यहां आने की अनुमति दे दी। यह विवाद आज भी जारी है, और येरुशलम की स्थिति पर कोई स्थायी समाधान नहीं निकल सका है। दुनिया भर के नेता इस संघर्ष को हल करने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन धार्मिक और राजनीतिक जटिलताएं इसे और गहरा करती रही हैं।

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