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  • Saturday, 15 November 2025
कनाडा के मंदिर पर हुए हमले को लेकर भारतीय उच्चायोग ने जताई आपत्ति, Trudeau पर भड़के उनके अपने नेता

कनाडा के मंदिर पर हुए हमले को लेकर भारतीय उच्चायोग ने जताई आपत्ति, Trudeau पर भड़के उनके अपने नेता

ओटावा। कनाडा के ब्रैम्पटन में स्थित हिंदू सभा मंदिर पर रविवार को हुए हमले ने वहां के भारतीय समुदाय और स्थानीय निवासियों के बीच भय और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं देश की सामाजिक शांति और समरसता के लिए खतरा हैं। कनाडा के संघीय सांसद और प्रधानमंत्री ट्रूडो की लिबरल पार्टी के सदस्य चंद्र आर्य ने घटना के लिए पंजाब के खालिस्तानी आंदोलन को दोषी ठहराया। आर्य ने कहा, यह घटना कनाडा में उग्रवाद के बढ़ते स्तर का संकेत है और खालिस्तानी चरमपंथियों ने अब लाल रेखा पार कर ली है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह कनाडा में बढ़ते हिंसक उग्रवाद और अलगाववादी आंदोलनों के खिलाफ सख्त कदम उठाए। इस घटना ने एक बार फिर कनाडा में भारतीय समुदाय के लिए सुरक्षा उपायों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर नए सिरे से चर्चा को जन्म दिया है। कनाडाई अधिकारियों से उम्मीद की जा रही है कि वे इस हिंसा की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। हमले में खालिस्तानी समर्थकों के एक समूह ने मंदिर में आए श्रद्धालुओं पर लाठी-डंडों से हमला किया। इस दौरान हमलावरों के हाथों में खालिस्तानी झंडे थे।

घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिसमें हमलावरों को श्रद्धालुओं पर हिंसा करते हुए देखा जा सकता है।कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने भी इस हमले पर बयान जारी किया। उच्चायोग ने कहा, हमने टोरंटो के निकट ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के वाणिज्य दूतावास शिविर के बाहर भारत विरोधी तत्वों द्वारा हिंसक व्यवधान उत्पन्न होते देखा है। सुरक्षा के मद्देनजर कनाडाई प्राधिकारियों से कड़े सुरक्षा उपायों की मांग पहले ही की जा चुकी थी। उच्चायोग ने यह भी कहा कि इस तरह की हिंसा से दूतावास संबंधी कार्यों में रुकावट आती है और भारतीय समुदाय की सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ता है। घटना के बाद हिंदू कैनेडियन फाउंडेशन, जो कि एक सामुदायिक गैर-लाभकारी संस्था है, ने सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने इस हमले को न सिर्फ श्रद्धालुओं की सुरक्षा बल्कि धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया। संस्था के मुताबिक, हमले में महिलाएं और बच्चे भी प्रभावित हुए हैं, जिससे समुदाय में और अधिक आक्रोश फैल गया है।

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