Imran की पत्नी और बहन की सियासी चालों से कैसे हार गए अमीन
-इस तरह खैबर पख्तूनख्वा के सीएम की छीनी कुर्सी
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व पीएम और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान अदिलाया जेल में बंद है और वहीं से उन्होंने आदेश दिया है कि पीटीआई के अकेले सीएम को पद से हटा दिया जाए। खैबर पख्तूनख्वा के सीएम, अली अमीन गंडापुर राजनीतिक रूप से ताकतवर नेता रहे हैं लेकिन वह इमरान खान की जिंदगी की दो अहम महिलाओं उनकी पत्नी बुशरा बीबी और बहन अलीमा खान से साथ ताकत की लड़ाई में हार गए और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। बुशरा बीबी और अलीमा खान की आपस में कभी नहीं बनी लेकिन अमीन को हटाने के लिए दोनों साथ आ गईं जिसके बाद खैबर पख्तूनख्वा सीएम ने पद से इस्तीफा दे दिया है। अमीन गंडापुर ने बुधवार को खैबर पख्तूनख्वा का सीएम पद छोड़ने की घोषणा करते हुए एक्स पर लिखा था कि मेरे नेता इमरान खान के आदेशों का सम्मानपूर्वक पालन करते हुए, मेरे लिए यह गर्व की बात है कि मैं खैबर पख्तूनख्वा के सीएम पद से अपना इस्तीफा दे रहा हूं। अमीन गंडापुर की जगह अब केपी का सीएम 35 साल के सोहैल आफरीदी को बनाया जाएगा। आफरीदी कबायली इलाकों से आते हैं और उनके पास इकोनॉमिक्स में मास्टर्स डिग्री है। यह इस्तीफा ऐसे वक्त में हुआ है जब पीटीआई में दरार पड़ी हुई है। इमरान खान 2023 से जेल में हैं और पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ अकेले मजबूत विपक्ष बने हुए हैं। अमीन गंडापुर के इस्तीफा देने के बाद, पाकिस्तानी अखबार ने बताया कि वो अलीमा खान पर पीटीआई में दरार डालने का आरोप लगा रहे थे और शक्ति संघर्ष में उन्हें इमरान खान की बहन से हार का सामना करना पड़ा। यह भी बताया गया कि अमीन ने पिछले साल के इस्लामाबाद विरोध मार्च में बुशरा बीबी को नाराज कर दिया था। पिछले साल जब पीटीआई नेतृत्व ने 26 नवंबर को इस्लामाबाद में विरोध मार्च करने का फैसला लिया तब अमीन गंडापुर ने मार्च को एक जगह रोकने की कोशिश की थी। उन्होंने मार्च को संगजानी में रोकने की मांग की थी क्योंकि उन्हें डर था कि इससे हिंसा हो सकती है, लेकिन बुशरा बीबी ने साफ कह दिया था कि मार्च वहां से गुजरेगा।
पीटीआई के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बुशरा बीबी ने फैसला कर लिया था कि मार्च डी-चौक तक कैसे भी पहुंचेगा और गंडापुर की आपत्तियों को नजरअंदाज कर दिया गया। यह पहली बार था जब बुशरा बीबी ने पीटीआई के इतने लोकप्रिय नेता की बात को काट दिया था। राजनीति से दूर रहने वाली बुशरा बीबी पति इमरान खान के जेल जाने के बाद से ही सक्रिय हैं। राजनीतिक मामलों में नई होने के बावजूद, इमरान खान उनपर काफी यकीन करते हैं और बुशरा इसका पूरा फायदा उठा रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक केपी के नए सीएम बनने वाले सोहैल आफरीदी बुशरा बीबी की पसंद हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि अमीन गंडापुर को हटाने का फैसला इमरान ने पिछले नवंबर में विरोध प्रदर्शनकारियों को छोड़ने के बाद ही कर लिया था। गंडापुर ने जेल में इमरान से मुलाकात कर उनसे वक्त मांगा लेकिन पार्टी पर उनकी पकड़ सीमित होती गई और आखिरकार उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। हाल ही में अमीन ने इमरान की बहन अलीमा खान के साथ भी विवाद मोल ले लिया था। एक वरिष्ठ पीटीआई नेता ने कहा कि अलीमा खान के खिलाफ बयान देने के बाद अमीन गंडापुर के पास इस्तीफे के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था। इमरान खान की बहन पर आरोप लगाने के बाद अमीन को पार्टी में काफी फजीहत का सामना करना पड़ा था, कार्यकर्ता उनसे दूरी बनाने लगे और उनके लिए लड़ना बंद कर दिया था। सूत्रों ने बताया कि हालांकि अलीमा और बुशरा अक्सर एक-दूसरे से सहमत नहीं होतीं, लेकिन उन्होंने अमीन गंडापुर के मुद्दे पर सहमति जताई और दोनों ने मिलकर उन्हें सीएम पद से हटाने की कोशिश की। ननद-भाभी के इस गठबंधन ने अमीन गंडापुर से सीएम की कुर्सी छीन ली।
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