Dark Mode
  • Tuesday, 22 October 2024
बाहरी रूप भले ही आधुनिक दिखे लेकिन आत्मा, संस्कृति व विरासत की हो:  Scindia

बाहरी रूप भले ही आधुनिक दिखे लेकिन आत्मा, संस्कृति व विरासत की हो: Scindia

 

केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया संगीत विश्वविद्यालय में ‘विद्यार्थी सह संवाद’ कायर्क्रम में हुए शामिल

 

ग्वालियर/ राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर की समृद्ध सांगीतिक विरासत को सहेजने का काम कर रहा है। इसलिए संस्थान के विकास में हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि विश्वविद्यालय का बाहरी स्वरूप भले ही अति आधुनिक बने, पर इसकी आत्मा अर्थात भीतरी स्वरूप में हमारी ऐतिहासिक सांस्कृतिक व आध्यात्मिक विरासत दिखना चाहिए। इस आशय के विचार केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने व्यक्त किए। श्री सिंधिया सोमवार को राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में आयोजित हुए “विद्यार्थी सह संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भी मौजूद थे। कायर्क्रम की अध्यक्षता माननीय कुलगुरू प्रो. स्मिता सहस्त्रबुद्धे ने की। विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत मनोहारी शास्त्रीय गायन एवं नृत्य से अभीभूत हुए केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधया ने कहा कि हमें भरोसा है कि विश्व के बड़े-बड़े संगीतकार व कलाकार इस विश्वविद्यालय से निकलेंगे। उन्होंने कहा हाल ही में यूनेस्को ने भी ग्वालियर को संगीत की नगरी मान लिया है। इसलिए यह तय है कि आने वाले समय में सर्वश्रेष्ठ संगीतज्ञ यहां की मिट्टी से निकलकर विश्व में नाम करेंगे। श्री सिंधिया ने कहा कि यहाँ की प्रतिभा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में उनकी ओर से भी हर संभव प्रयास किए जायेंगे।


केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने विश्वविद्यालय प्रबंधन व विद्यार्थियों को आश्वस्त किया कि कि राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के विकास के लिए हर संभव मदद दिलाई जायेगी। उन्होंने विश्वविद्यालय की कुलगुरू श्रीमती स्मिता सहस्त्रबुद्धे से कहा कि वे विश्वविद्यालय की अधोसंरचनागत आवश्यकताओं का एक चार्टर बनाकर हमें उपलब्ध कराएँ। केन्द्र व राज्य सरकार के माध्यम से विश्वविद्यालय की सभी मांगें पूरी कराई जायेंगीं। केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश विश्वभर में शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में स्थापित हुआ है। हमारा देश केवल आर्थिक शक्ति के रूप में ही मजबूत नहीं हुआ है बल्कि कला, नृत्य एवं संगीत के क्षेत्र में भी हम उतने ही मजबूत हुए हैं। इसकी झलक आज राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों में भी साफ नजर आ रही है।


जिस तरह आग में तपकर तलवार मजबूत होती है, उसी तरह गायन, नृत्य व ललित कलाओं में पारंगत होने के लिये कड़ी साधना करनी होती है। मंच पर महज चंद मिनटों की प्रस्तुति के लिए कई दिन, कई रात और यहाँ तक कई साल लगातार तपस्या करनी होती है। उन्होंने कहा कि संगीत से संबंधित तकनीक से महज कुछ ही समय पहले हम रूबरू हुए हैं, लेकिन शास्त्रीय संगीत की परंपरा कई हजार साल पुरानी है। गायन, वादन, नृत्य स्वयं में एक भाषा है। इसे समझने के लिए कलाकार के साथ दशर्क को भी इसका अभ्यास करना होगा। केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने कहा राजा मानसिंह तोमर ने संगीत व कलाओं को जो आश्रय दिया था, उसे सिंधिया परिवार ने भी पूरी शिद्दत के साथ संरक्षित कर आगे बढ़ाया है।

Comment / Reply From

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!