धरती पर लौटने के बाद भी Sunita नहीं जा सकेंगी घर, कई टेस्टों से गुजरना होगा
अंतरिक्ष से लौटने के बाद धरती की ग्रेविटी में खुद को ढालना आसान नहीं
वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में बीते करीब 9 महीने से फंसी सुनीती विलियम्स और बेरी विलमोर जल्द लौटने वाले है। बोइंग के स्टारलाइनर से दोनों अंतरिक्षयात्री केवल 10 दिनों के टूर पर गए थे। हालांकि उनके यान में खराबी आ जाने से वे अब तक लौट ही नहीं पाए। अब नासा ने कहा है कि अगले सप्ताह ही स्पेसएक्स ड्रैगन लॉन्च किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि सुनीता और विलमोर 16 मार्च तक धरती पर लौट आएंगे। हालांकि सुनीता विलियम्स का कहना है कि इतने दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद अब उनके लिए धरती पर अजस्ट करना आसान नहीं है। धरती पर चलना उनके लिए कांटों पर चलने के जैसा होगा। उन्होंने कहा कि अब तो मैं चलना भी भूल गई हूं। अंतरिक्ष स्टेशन में गुरुत्वाकर्षण ना होने की वजह से उन्हें चलना नहीं पड़ता। अंतरिक्ष में रहना धरती पर रहने से बहुत अलग हैं। अंतरिक्ष से लौटने के बाद धरती की ग्रेविटी के हिसाब से खुद को ढालना भी आसान नहीं है। वहीं अंतरिक्ष से कई वायरस और बैक्टीरिया के भी आने का खतरा रहता है।
धऱती पर लौटने के बाद भी सुनीता घर नहीं जा पाएंगे। पहले उनके टेस्ट किए जाएंगे और फिर इलाज किया जाएगा। डॉक्टरों का कहना है कि अंतरिक्ष से वापस आने के बाद उनके शरीर में ताकत नहीं रहती है। ऐसे में ग्रेविटी में फिर से ताकत हासिल करने में डेढ़ महीने का समय लग सकता है। फिर से सारे टेस्ट करने के बाद ही उन्हें घऱ जाने की इजाजत दी जा सकती है। जानकारों का कहना है कि अंतरिक्षयात्रियों को कई तरह की गंभीर बीमारियों का भी खतरा रहता है। तेज ब्रह्मंडीय विकिरण की वजह से कई बार अंतरिक्षयात्रियों के शरीर के गहराई तक प्रभाव पड़ता है जो कि कैंसर का कारण बन सकता है जिस तरह से अंतरिक्ष में जाने के बाद सुनीता को कुछ दिनों तक शरीर को ढालने में परेशानी का सामना करना पड़ा था, वही दिक्कत धरती पर लौटने के बाद भी हो सकती हैं। अंतरिक्ष में हार्ट और लंग्स को भी मेहनत कम पड़ती है। ऐसे में धरती पर लौटने के बाद उन्हें एक खास वातावरण दिया जाएगा जिसमें वह धऱती के अनुकूल खुद को ढाल सकें।
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