
भारत के द्वारा चीन के जे-10 सी विमानों की हुई पिटाई पर Dragon ने साधी चुप्पी
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की सेना ने दावा किया है कि उसने भारत के राफेल और सुखोई विमानों के खिलाफ चीन से मिले जे-10 सी विमानों का इस्तेमाल किया है। इन विमानों में लंबी दूरी तक हवा से हवा में मार करने वाली पीएल-15 मिसाइलें लगी थीं। चीन के सोशल मीडिया में जहां जे-10 सी की जमकर तारीफ हो रही है, वहीं शी जिनपिंग सरकार ने पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है। भारत और पाकिस्तान की लड़ाई में मुनीर सेना ने जमकर चीनी हथियारों का इस्तेमाल किया। चीन का एचक्यू 9 एयर डिफेंस सिस्टम भारत के हमले रोकने में नाकाम साबित हुआ। वहीं चीनी जे-10सी को बहुत बड़ी सफलता करार दे रहे हैं। इस पूरे मामले पर चीन ने बहुत सतर्कता के साथ बयान दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन की सरकार ने यह चुप्पी बहुत सोच समझकर साध रखी है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जिआन ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि चीनी विमान भारत और पाकिस्तान के लड़ाई में शामिल थे। वहीं इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने खुलासा किया था कि भारत के हमले के दौरान चीन के राजदूत 4 बजे सुबह तक उनके कार्यालय में बैठे हुए थे। चीन ने अपने आधिकारिक बयान में केवल दोनों देशों से संयम बरतने के लिए कहा था। रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन के स्वीकार नहीं करने के पीछे बड़ी वजह राजनयिक और सैन्य तनाव है। गलवान हिंसा के बाद से ही भारत और चीन के बीच रिश्ते सामान्य नहीं हुए हैं। वहीं पाकिस्तान चीन का सदाबहार मित्र है तथा हथियारों का शीर्ष खरीदार है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच यह विवाद उस समय पर शुरू हुआ जब दुनिया में माहौल बहुत जटिल हो गया है और चीन के सुरक्षा हालात भी ठीक नहीं हैं। चीन का अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध चल रहा है।
इसके अलावा अमेरिका के साथ तकनीक और सैन्य घेरेबंदी को लेकर विवाद है। जापान, ताइवान और फिलीपीन्स के साथ भी चीन का तनाव चल रहा है। चीन ने अपने हथियारों के निर्यात को तेज करने के लिए पूरा अभियान चला रखा है। चीन खासकर खाड़ी के देशों को अमेरिका के हथियारों से दूर रखना चाहता है। इस इलाके में अभी पश्चिमी देशों की कंपनियों का आर्म्स मार्केट का कब्जा है। हाल के वर्षों में चीन के सैन्य उपकरणों को लेकर दुनिया में संदेह देखा गया है। यहां तक चीन के अंदर भी अपने हथियारों की क्षमता को लेकर संदेह रहा है। इसकी वजह यह है कि चीन के पास युद्ध लड़ने का कोई अनुभव नहीं है। चीन को उम्मीद है कि अब जे-10 सी की बिक्री में भारी बढ़ोत्तरी होगी। पाकिस्तान अभी एकमात्र देश है जो जे-10 सी उड़ाता है। मिस्र अब खरीदने की तैयारी कर रहा है। चीन के विशेषज्ञ शी यिनहोंग का कहना है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच पूर्ण युद्ध होता, तब इससे चीन की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता को गंभीर खतरा पैदा हो जाता। इसी वजह से चीन बहुत सतर्क था। भारत और पाकिस्तान की लड़ाई के बाद चीन की सेना ने जे-10 फाइटर जेट के साथ अभ्यास करने का एक वीडियो भी पोस्ट किया है।
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