
Earthquake से तबाही: चौतरफा बिखरी पड़ी हैं लाशें, अब तक 8 सौ से ज्यादा की मौत
नायपीडो। बीते रोज म्यामांर में आए भीषण भूकंप ने 800 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। तबाही इतनी ज्यादा हुई कि घर और कई इमारतें कचरे का ढेर बन गईं। 7.7 की तीव्रता वाला शक्तिशाली भूकंप के तेज झटकों में कई इमारतें गिर गईं। इसके कारण अब तक करीब 800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक 800 मौत की पुष्टि हो चुकी है। मौत का आंकड़ा 10 हजार तक पहुंच सकता है। भूकंप के कारण थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी इमारतों के मिट्टी में मिलने की घटना देखी गई। एक निर्माणाधीन 30 मंजिला इमारत गिर गई। इसमें भी कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने म्यांमार और थाईलैंड में भीषण भूंकप के कारण उत्पन्न स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि इस घड़ी में भारत दोनों देशों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है। भारत की तरफ से वहां के लिए राहत सामग्री भी भेजी गई है। भारत के पश्चिम बंगाल और मणिपुर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। बांगलादेश में भी 7.3 तीव्रता के भूकंप के बाद हल्के झटके महसूस हुए। यह भूकंप और उसके बाद के आफ्टरशॉक्स ने पूरे क्षेत्र में घबराहट का माहौल बना दिया। गौरतलब है कि म्यांमार के सागाइंग से 16 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में आये इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.7 आंकी गयी।
भूकंप का केंद्र 22.01 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 95.92 डिग्री पूर्वी देशांतर पर सतह से 10.0 किलोमीटर की गहराई में था। इसके झटके थाईलैंड सहित पांच पड़ोसी देशों बंगलादेश, भारत, लाओस, चीन और थाईलैंड में भी महसूस किये गये। अमेरिकी भौगोलिक सर्वेक्षण ने कहा कि यह भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर था और इसके बाद 6.4 तीव्रता का एक शक्तिशाली आफ्टरशॉक भी महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र मांडले शहर से लगभग 17.2 किलोमीटर दूर था। भूकंप के बाद म्यांमार और थाईलैंड ने आपातकाल घोषित कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार से सटे दक्षिण पश्चिमी युन्नान प्रांत में भी मजबूत झटके महसूस किए गए। हालांकि वहां से किसी जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं आई।
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