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  • Wednesday, 12 March 2025
America धोखेबाज है पर रूस भारत का है पक्का दोस्त

America धोखेबाज है पर रूस भारत का है पक्का दोस्त

नई दिल्ली। अमेरिका की भारत से यारी दिखावा है। वजह है टैरिफ। जी हां, एक ओर वह भारत को अच्छा दोस्त बताते हैं, दूसरी ओर वह भारत पर टैरिफ की धमकी देते हैं। ऐसे ही मौकों पर हमें समझ आता है कि हमारा पक्का यार तो रूस ही है। रूस ही हमारा ऐसा पकिया यार है जो हर वक्त भारत के साथ खड़ा रहता है। भारत भी उसके मुश्किल घड़ी में खड़ा रहा है। चाहे वह अमेरिका का प्रतिबंध का वक्त हो या यूक्रेन संग जंग। इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारत का अगर कोई पक्का वाला दोस्त है तो वह है रूस। उधर यूक्रेन जंग पर पुतिन को ट्रंप झांसे में लेने की कोशिश में जुटे हैं। इधर होली से पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस से अपनी दोस्ती का रंग और गाढ़ा करने में जुटे हैं। जी हां, गुरुवार को साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-रूस द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति पर चर्चा की। रूस और यूक्रेन का युद्ध कैसे खत्म हो, इस पर भी दोनों देशों के विदेशमंत्री के बीच बातचीत हुई।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के उपाय सुझाए। जयशंकर दो दिन के दौरे पर दक्षिण अफ्रीका गए हैं। उन्हें जी20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेना है। रूसी विदेश मंत्री लावरोव संग मुलाकात वाली तस्वीरें एस जयशंकर ने अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, जोहान्सबर्ग में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिलकर खुशी हुई। दोनों के बीच क्या-क्या बातची हुई, इसका विवरण भी दिया। उन दोनों ने भारत-रूस द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की समीक्षा की। यानी दोनों देश एक-दूसरे के सहयोग से कैसे और आगे बढ़ सकते हैं, इस पर बात हुई। इतना ही नहीं, जयशंकर और लावरोव ने यूक्रेनजंग से जुड़े हालिया घटनाक्रम पर चर्चा की, जिसमें रियाद बैठक भी शामिल है। रियाद में पुतिन और ट्रंप के प्रतिनिधि मिले थे और यूक्रेन जंग पर शांति की कवायद पर बातचीत हुई है। सोशल मीडिया पर कई वीडियो में जयशंकर और लावरोव हाथ मिलाते हुए देखे गए। एक वीडियो में दोनों नेता एक साथ पोज देते और बाद में अन्य नेताओं के साथ बातचीत के लिए बैठते दिख रहे हैं। रूस और भारत के बीच दोस्ती को बीच-बीच में मुलाकातों ने और गहरा किया है। इसमें एस जयशंकर की भी बड़ी भूमिका है। पुतिन भी यह मानते हैं कि भारत ही यूक्रेन जंग को खत्म करा सकता है। अब देखने वाली बात है कि यूक्रेन जंग पर अमेरिका ने जो दांव खेला है, वह कारगर साबित होता है या नहीं।

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