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  • Tuesday, 02 September 2025
Ghazipur में दिग्गजों के लिए बड़ी चुनौती बनेगा पीडीएम का युवा प्रत्याशी?

Ghazipur में दिग्गजों के लिए बड़ी चुनौती बनेगा पीडीएम का युवा प्रत्याशी?

गाजीपुर। पूर्वांचल में वाराणसी के बाद दूसरी हॉट सीट गाजीपुर है। अंसारी परिवार के प्रभाव वाली यह सीट मुख्‍तार अंसारी की जेल में मौत के कारण पूरे देश में चर्चा में है। इस सीट से 2019 में मनोज सिन्‍हा जैसे कद्दावर नेता को हार का सामना करना पड़ा था। यह हार भी तब हुई थी, जब मनोज सिन्‍हा मोदी सरकार के रेल राज्‍य मंत्री रहे और गाजीपुर में विकास के तमाम कार्य उनके ही कारण हुए। उस समय मुख्‍तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी ने मनोज सिन्‍हा को एक लाख से ज्‍यादा मतों के अंतर से हराया था। कुल मिलाकर यहां का मतदाता कब किसे परास्त कर दे कोई नहीं जानता। इसी सीट से पल्लवी पटेल के बनाये मोर्चे पीडीएम (पिछड़ा, दलित और मुस्लिम) ने लोकसभा प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की है। इस सूची में उत्तर प्रदेश के सात जिलों पर प्रत्याशियों की घोषणा की गई है। गाजीपुर से सूबेदार बिंद को उम्मीदवार बनाया गया है।


सूबेदार ने 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद आईटीआई में डिग्री हासिल की है। सूबेदार की उम्र 26 साल है। उन्होंने बताया कि वह प्रेमचंद बिंदकी ओर से स्थापित राजनीतिक पार्टी से लंबे समय से जुड़े थे। प्रेमचंद की प्रगतिशील मानव समाज पार्टी से वह साल 2019 में जुड़े थे और तब से वह निरंतर इसी राजनीतिक दल के बैनर तले तमाम राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रहे। उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि वह बिंद समाज के उत्थान के लिए राजनीति के जरिए लंबे समय से प्रयासरत रहे है। वर्तमान में उन्हें मोर्चा ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है। वह मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। चुनाव आदि में आने वाले खर्च में बिंद समाज के लोग उनका सहयोग करेंगे। अपने समाज के दम पर ही वह सियासी मैदान में उतरे हैं। उन्हें लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।

सूबेदार ग्राम चौखनिया, पोस्ट बेलवा के निवासी हैं। उनके पिता फौजदार बिंद है। सूबेदार ने बताया कि उनके पिता बीडीसी के सदस्य भी रह चुके हैं। उन्होंने आगे बताया कि उन्हें पीडीएम मोर्चा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। पीडीएम के अर्थ से ही पार्टी का उद्देश्य कुछ हद तक साफ हो जाता है। पिछड़ा, दलित और मुसलमान इन सभी की अपेक्षा राजनीतिक दलों ने की है। खासतौर से मुसलमान के साथ समाजवादी पार्टी ने राजनीतिक तौर पर अच्छा व्यवहार नहीं किया है। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी पार्टी समाज के सभी लोगों के प्रति मानवतावादी सोच रखती है। शिक्षा और स्वास्थ्य आदि में किसी तरह का वर्गीकरण या भेदभाव नहीं होना चाहिए। समाज के सभी लोगों को समान रूप से शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा मिलनी चाहिए। बिंद समाज को दिए आरक्षण को लेकर भी राजनीतिक रूप से न्याय नहीं हुआ है।

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