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Dhawan के करियर में दो पूर्व क्रिकेटरों की अहम भूमिका रही

Dhawan के करियर में दो पूर्व क्रिकेटरों की अहम भूमिका रही

मुंबई। पिछले सप्ता अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के नाम कई रिकार्ड हैं। विशेषकर चैम्पियंस ट्रॉफी में वह बेहद सफल रहे हैं। उनके करियार में मुम्बई के दो पूर्व क्रिकेटरों दिलीप वेंगसरकर और संदीप पाटिल की अहम भूमिका रही थी। वेंगसरकर और पाटिल ने ही मुख्य चयनकर्ता रहते हुए धवन को टीम में जगह दी थी। इन दोनो ही चयनकर्ताओं को युवा प्रतिभा की पहचान करने और सही समय पर शामिल करने के लिए लिए जाना जाता है। मार्च 2013 की शुरुआत में पाटिल के कहने पर ही धवन को मोहाली में ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ तीसरे टेस्ट के लिए भारत की टीम में जगह मिली थी। तब वीरेंद्र सहवाग खराब दौर से गुजर रहे थे, जिसके बाद चयनकर्ताओं ने उनकी जगह पर धवन को अवसर दिया और उन्होंने इस अवसर का पूरा लाभ उठाते हुए 174 गेंदों पर 187 रन की शानदार पारी खेलकर अपनी छाप छोड़ी, धवन ने 85 गेंदों में ही शतक लगाया था।

धवन ने तब डेब्यू पर सबसे तेज शतक का रिकार्ड अपने नाम किया था। उनको अवसर देने वाले पाटिल का कहना है कि धवन भारत ए के दक्षिण अफ्रीकी दौरे से एक दोहरा शतक और एक शतक बनाने के बाद वापस लौटे थे पर इसके बाद भी अन्य चयनकर्ता सहवाग की जगह उनके चयन के पक्ष में नहीं थे पर धवन ने पहले ही मैच में शतक लगाकर अपने चयन को सही साबित कर दिया। इससे सभी का पता चल गया कि उनके चयन का मेरा फैसला सही था। धवन सबसे पहले 2004 में ढाका में अंडर-19 विश्व कप के दौरान नजरों में आये थे। तब उन्होंन टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाये थे। उस समय भी उनका चयन वेंगसरकर के कहने पर ही हुआ था।

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