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  • Sunday, 08 September 2024
किसी भी धार्मिक अल्पसंख्यक के प्रति भेदभाव की कोई भावना नहीं है : PM मोदी

किसी भी धार्मिक अल्पसंख्यक के प्रति भेदभाव की कोई भावना नहीं है : PM मोदी

हमारा देश उड़ान भरने को तैयार है. 'लोग चाहते हैं कि इस फ्लाइट में तेजी लाई जाए और वे जानते हैं कि यह सुनिश्चित करने के लिए बेस्ट पार्टी यही है जो उन्हें यहां तक लेकर आई है.ये बात पीएम मोदी ने एक साक्षत्कार के दौरान कही। पीएम से भारत में मुसलमानों के भविष्य को लेकर भी सवाल किया गया. मोदी ने इसका जवाब देने के बजाय पारसी समुदाय की आर्थिक सफलता की ओर इशारा किया. 

 

दरअसल, भाजपा के शासन में अक्सर मुसलमानों को लेकर कई तरह के सवाल उठते रहते हैं. ऐंटी-मुस्लिम हेट स्पीच की बातें होती हैं. पार्टी के आलोचक कहते हैं कि भाजपा में इस समय कोई भी मुस्लिम सांसद या मुस्लिम वरिष्ठ मंत्री नहीं है. इस इंटरव्यू में भी जिक्र हुआ तो पीएम ने पारसियों की सफलता की चर्चा छेड़ दी. पारसी समुदाय को भारत में रहने वाले धार्मिक रूप से सूक्ष्म-अल्पसंख्यकों में गिना जाता है क्योंकि इनकी आबादी बेहद कम है. यह कहकर पीएम ने बड़ा संदेश दे दिया. 

 

देश के करीब 20 करोड़ मुसलमानों का कोई सीधा संदर्भ न देते हुए मोदी ने कहा, 'दुनिया में कहीं उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद, उन्हें भारत में सुरक्षित पनाह मिली है, वे खुशहाल और समृद्ध जीवन जी रहे हैं. इससे पता चलता है कि भारतीय समाज में किसी भी धार्मिक अल्पसंख्यक के प्रति भेदभाव की कोई भावना नहीं है.' अगले साल अप्रैल-मई में भारत के 90 करोड़ से ज्यादा वोटर लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले हैं. 73 साल के लोकप्रिय नेता मोदी के सपोर्टर और भाजपा यह कहकर जीत का दावा कर रही है कि सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है और लाखों लोगों के जीवन स्तर को सुधारा है. 

 

इको सिस्टम है, रोज आरोप लगाता है

 

पीएम मोदी पर राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आरोप लगते रहे हैं. कांग्रेस कहती है कि लोकतंत्र खतरे में हैं. इंटरव्यू में जब विरोधियों पर कार्रवाई का सवाल पूछा गया तो मोदी ने कहा कि यहां एक पूरा इको सिस्टम है जो हमारे देश में मौजूद स्वतंत्रता का इस्तेमाल एडिटोरियल, टीवी चैनलों, सोशल मीडिया, वीडियो, ट्वीट आदि के माध्यम से हर दिन हम पर ये आरोप लगाने के लिए कर रहा है. उन्होंने कहा, 'उन्हें ऐसा करने का अधिकार है, लेकिन दूसरों को तथ्यों के साथ जवाब देने का समान अधिकार है. 

 

बाहरियों ने भारत को कम आंका

 

मोदी ने आगे कहा कि बाहरी लोगों का लंबा इतिहास है जो भारत को कम करके आंकते रहे हैं. पीएम ने कहा, '1947 में जब भारत स्वतंत्र हुआ तो देश से जाने वाले अंग्रेजों ने देश के भविष्य के बारे में खतरनाक भविष्यवाणी की थी. लेकिन हमने देखा है कि वो भविष्यवाणियां और पर्सेप्शन सभी झूठे साबित हुए.' मोदी ने आगे कहा कि इसी तरह जो लोग आज उनकी सरकार पर संदेह करते हैं, वे भी गलत साबित होंगे.

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