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  • Wednesday, 03 December 2025
America समेत दुनिया बेखबर, ताइवान पर कब्जा करने चीन ने बनाया सीक्रेट प्लान

America समेत दुनिया बेखबर, ताइवान पर कब्जा करने चीन ने बनाया सीक्रेट प्लान

सैटेलाइट से खुला राज, सैन्य अभ्यास में नागरिक जहाजों का कर रहा इस्तेमाल

बीजिंग। एक रिपोर्ट ने पूरी दुनिया के सैन्य एक्सपर्ट्स को डरा दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक एक विस्तृत जांच में पता चला कि चीन अपने व्यापारी जहाजों और आम नागरिक नौकाओं को इस तरह इस्तेमाल कर रहा है कि जरूरत पड़ने पर ये ताइवान पर संभावित समुद्री हमले में सेना की पहली लहर का हिस्सा बन सकें। इस साल हुए बड़े सैन्य अभ्यास में इन नागरिक जहाजों की भूमिका को जहाज ट्रैकिंग डेटा और सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए चिन्हित किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ये अभ्यास सिर्फ दिखावा नहीं, बल्कि चीन की उन ठोस योजनाओं का हिस्सा हैं जिनसे वह ताइवान को वह अपने सामने जल्दी झुका सके। अगस्त 2025 में चीन के तट के पास एक अभ्यास देखा गया जिसमें 12 नागरिक जहाज पहले अपनी-अपनी घरेलू जगहों पर थे, लेकिन एक तय योजना के तहत धीरे-धीरे दक्षिण की ओर बढ़ गए। इनमें छह रोल-ऑन, रोल-ऑफ फेरी थीं, जिनमें गाड़ियां सीधे जहाज पर एक रैंप के जरिए चढ़ और उतर सकती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक छह कार्गो जहाज थे जिन्हें एशिया में आम तौर पर भारी सामान ढोने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। रात होने के बाद ये जहाज ग्वांगडोंग प्रांत के एक बीच के पास पहुंचे, जहां चीन की सेना के ठिकाने मौजूद हैं। इसके बाद सैटेलाइट तस्वीरों में साफ दिखा कि ये जहाज अपने रैंप खोलकर सैन्य वाहनों को सीधे रेत पर उतार रहे थे। ताइवान और अमेरिका के दस से ज्यादा नौसैनिक विशेषज्ञों ने इन तस्वीरों को देखने के बाद माना कि चीन अब नागरिक जहाजों को सैन्य इस्तेमाल के लिए पूरी तरह शामिल करने की रणनीति पर काम कर रहा है। इन जहाजों का फायदा यह है कि ये सस्ते हैं, बड़ी संख्या में मौजूद हैं और इनका ढांचा ऐसा है कि ये पोर्ट की जरूरत के बिना सीधे समुद्र तट पर भारी सामान उतार सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो इन हजारों नागरिक जहाजों की मदद से वह समुद्र तट पर उतरने वाली अपनी सेना की क्षमता को कई गुना बढ़ा सकता है। कई विशेषज्ञों ने कहा कि अगर चीन ताइवान पर उतरा, तो यह ऑपरेशन द्वितीय विश्व युद्ध की नॉर्मंडी लैंडिंग से भी बड़ा और कठिन हो सकता है। अगस्त के इस अभ्यास में सिर्फ कार्गो जहाज ही नहीं, बल्कि छोटे वाहनों की लंबी लाइन और एक अस्थायी पियर्स सिस्टम भी देखा गया, जिसे पहले तकनीकी कारणों से असफल बताया गया था। इससे संकेत मिलता है कि चीन लगातार अपनी तकनीक में सुधार कर रहा है और किसी भी संभावित कार्रवाई के समय ताइवान पर कई दिशाओं से उतरने की क्षमता तैयार कर चुका है। विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर चीन कई जगहों पर एक साथ उतरने की कोशिश करता है, तो ताइवान की रक्षा और मुश्किल हो जाएगी। इन अभ्यासों के सिर्फ 11 दिन बाद बीजिंग में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भव्य सैन्य परेड निकाली। भले ही उन्होंने ताइवान का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी पार्टी बार-बार कह चुकी है कि ताइवान चीन का हिस्सा है और उसे अलग होने नहीं दिया जाएगा. ताइवान सरकार इसे सख्ती से खारिज करती है और कहती है कि ताइवान के भविष्य का फैसला उसके लोग करेंगे। उधर, ताइवान के रक्षा मंत्री ने कहा कि उनका देश चीन के इस तरह के अभ्यासों पर लगातार निगरानी रख रहा है।

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