रेलिगेयर की कंपनी एनबीएफसी पर लगा फर्जीवाड़े का दाग हटा: Rashmi Saluja
नई दिल्ली। बर्मन परिवार रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के अधिग्रहण की कोशिश कर रहा है। इस बीच कंपनी की चेयरपर्सन रश्मि सलूजा का कहना है कि रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की संपत्तियों और निवेश का पूरा फायदा उठाने का काम अधिग्रहणकर्ता की गैर जिम्मेदारी की वजह से अटका हुआ है। सलूजा ने कहा कि रेलिगेयर समूह की चारों कंपनियां वित्तीय मोर्चे पर अच्छा कर रही हैं। हमारी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) पर लगा फर्जीवाड़े का दाग हट गया है और कर्ज देने वालों के साथ एकमुश्त निपटारा भी कर दिया गया है। अब रेलिगेयर की आगे की संभावनाओं का फायदा उठाने पर जोर है। डाबर समूह के प्रवर्तक बर्मन परिवार ने रेलिगेयर में 26 फीसदी हिस्सेदारी और खरीदने के लिए पिछले साल अक्टूबर में खुली पेशकश का प्रस्ताव किया था किंतु उसे अभी तक नियामक से मंजूरी नहीं मिली है। रेलिगेयर का शेयर शुक्रवार को 212 रुपये पर बंद हुआ।
खुली पेशकश 235 रुपये के भाव पर की गई थी लेकिन रेलिगेयर के बोर्ड ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह कंपनी के सही मूल्य के हिसाब से नहीं है। सलूजा ने कहा कि हम चाहते हैं कि अधिग्रहण का प्रस्ताव लाने वाले दूसरे शेयरधारकों के प्रति ज्यादा जिम्मेदारी दिखाएं और कंपनी से उन्हें पूरा फायदा देने में हमारी मदद करें। प्रबंधन नियामक से उचित एवं उपयुक्त तमगा हासिल करने में मदद नहीं कर सकता और यह काम उन्हें ही करना होगा। उन्होंने कहा कि खुली पेशकश से कंपनी के कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ा है मगर छोटे शेयरधारकों को नुकसान हो रहा है क्योंकि खुली पेशकश में रखी गई कीमत कंपनी के सही मूल्य और संभावनाओं के हिसाब से नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी को अपने हिस्से की जिम्मेदारी लेकर सुनिश्चित करना चाहिए कि अन्य शेयरधारकों को नुकसान न हो।
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