दूर बैठे बेटे ने मदद की लगाई गुहार, सांसद की गाड़ी लेने दरवाज़े के बाहर आई
ग्वालियर के शिवपुरी हाइवे किनारे जंगल में बसे कांसेर गाँव के सहरिया आदिवासी समाज की वृध्द महिला कपूरी बाई जो गंभीर बीमारी टीबी से ग्रसित थी जिसका इलाज क्षमता अनुसार करवाया गया, लेकिन पूरी तरह से ठीक नहीं हुई। सहरिया जनजाति में अधिकतम मृत्यु टीबी का सही समय पर इलाज न होने के कारण भी होती हैं। महिला कपूरी बाई का सहारा उसका बेटा लालपत सहरिया ग्वालियर से 900 किलोमीटर दूर अलीराजपुर में भृत्य के पद पर नौकरी कर गुजर बसर करता है। अचानक उसकी माँ खून की उल्टियाँ करने लगी तो बहुत परेशान हुआ। कई लोगों से फ़ोन लगाकर मदद माँगी लेकिन कोई सहायता न मिलने के कारण उसने ग्वालियर संसद भारत सिंह कुशवाह जी से मदद की गुहार लगाई। सांसद जी दिल्ली में होने के कारण भतीजे महेश कुशवाहा, प्रेम सिंह राजपूत, गोविंद राठौर व अमित परिहार को तत्काल मौक़े पर जाकर गाँव से बीमार माँ को अस्पताल में भरती करवाने के लिए कहा। सांसद जी की संवेदनशीलता व त्वरित मदद की बदौलत आदिवासी महिला को सही समय पर बेहतर इलाज मिल रहा है।
वृद्ध महिला को लिंक अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया और उच्च क्वालिटी का उपचार प्रारंभ हो गया है। सांसद की गाड़ी देखकर गाँव की महिला बुजुर्ग एकट्ठे हो गये। परिजनों ने के मन में ख़ुशी दिख रही थी कि एक छोटे से निवेदन पर इतना बड़ा उपचार मिला जो कि उनकी सोच से परे थे उन्हें कल्पना थी कि सिर्फ़ कुछ रुपये मिल जायें इतना ही बहुत है। नेता का बड़े पद पर जाना तभी सार्थक है जब उसमें संवेदनायें हों और ग़रीबों की मदद के लिए वो हर वक्त खड़ा रहे।
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