America में मुर्गियों की मौत और अंडों के टोटे ने बढ़ाई Trump की मुश्किलें
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने देश की जनता से वादा किया था कि महंगाई से राहत देंगे और बाइडन की नीतियों में सुधार करेंगे। ट्रंप चुनाव जीते और राष्ट्रपति बने लेकिन महंगई कम नहीं हुई। यहां एक अंडा 50 रुपए में बिक रहा है। महंगे अंडे की वजह ये है कि यहां 14 करोड़ मुर्गियों की मौत हो गई है। जिसके चलते कड़कड़ाती ठंड में भी लोगों को अंडे मुश्किल से मिल पा रहे हैं। ऐसे में ट्रंप को जवाब देना मुश्किल हो रहा है कि वे इस महंगाई से जनता को राहत कैसे दिलाऐं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अंडों सहित किराने के सामान की कीमतें कम करने का वादा किया था। 20 जनवरी बीते 10 से ज्यादा दिन हो गए हैं। पद संभालने के बाद से अंडों की कीमतों में गिरावट नहीं आई है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने 28 जनवरी को अपने पहले ऑन-कैमरा न्यूज़ ब्रीफ़िंग में इसके लिए पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन की ‘महंगाई बढ़ाने वाली नीतियों’ को दोषी ठहराया। लेविट ने कहा कि बिडेन प्रशासन और अमेरिकी कृषि विभाग ने 10 करोड़ से अधिक मुर्गियों को मारने का आदेश, जिसके कारण इस देश में मुर्गियों की आपूर्ति में कमी आई है, इसलिए अंडों की आपूर्ति में कमी आई है, जिससे कमी हो रही है। लेविट का बयान के बाद के बाद से पूरे अमेरिका में बहस छिड़ गई है कि ये महंगाई क्यों बढ़ रही है।
बिडेन के कार्यकाल में अंडों की कीमतें बढ़ीं। फरवरी 2021 में 1.60 डॉलर प्रति दर्जन से बढ़कर दिसंबर 2024 में 4.10 डॉलर हो गईं। कृषि विभाग के जनवरी के खाद्य मूल्य पूर्वानुमान में कहा गया है कि इस साल अंडों की कीमतों में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। कीमतों पर नजर रखने वाली कंपनी एक्सपाना के प्रवक्ता ने बताया कि कुछ अमेरिका में एक दर्जन बड़े अंडों की कीमत 7 डॉलर से अधिक है। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के मुताबिक 8 फरवरी, 2022 से मुर्गियों, टर्की, बत्तखों और गीज़ सहित 14 करोड़ 70 लाख अधिक पक्षियों की मौत हो चुकी है। 2022 से 10 करोड़ 80 लाख अंडे देने वाली मुर्गियां मर चुकी हैं। यह स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है कि कितनों को मारा गया या वायरस से उनकी मृत्यु हो गई।
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