भीषण जंग की आहट: Netanyahu के प्लान पर अमेरिका ने कहा- हम समर्थन नहीं करेंगे
वाशिंगटन। ईरान के तेल और परमाणु संयंत्रों पर भी इजरायल हमला कर सकता है। इजरायली अधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि हमारी जवाबी कार्रवाई में ईरान का बुनियादी ढांचा निशाने पर होगा। इजरायल ईरान के पावर प्लांट और तेल संयंत्रों को निशाना बना वहां की अर्थव्यवस्था को तबाह कर सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली अधिकारियों ने बताया कि इजरायल ईरान के बड़े मिसाइल हमले का कुछ ही दिनों में करारा जवाब देगा। इजरायल ईरान के अंदर तेल उत्पादन सुविधाओं और अन्य रणनीतिक स्थलों को निशाना बना सकता है। ईरान ने कहा कि अगर इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की तो उसका भी जवाब दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में इजरायल ईरान के परमाणु सुविधाओं पर हमला कर सकता है। वहीं सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि इस बार इजरायल ईरान पर बड़ा जवाबी हमला कर सकता है। ऐसी स्थिति में ईरान ने भी पलटवार की बात कही है। अगर ऐसा होता है तो युद्ध का बड़े पैमाने पर फैलना निश्चित है। इजरायल अपने उन्नत लड़ाकू विमानों से ईरान पर हमला कर सकता है। इसके अलावा खुफिया एजेंसी मोसाद हमास नेता इस्माइल हानिया के तर्ज पर कोई बड़ा ऑपरेशन भी कर सकती है। इजरायली अधिकारी का कहना है कि, हमारे सामने यह बड़ा सवाल है कि ईरान पर हमले किस तरह से किया जाए, लेकिन हम इस संभावना को भी ध्यान में रखते हैं कि पूरी ताकत से हमला करेंगे। इजरायल के सभी मंत्रियों ने कहा कि हमला ऐसा हो कि ईरान अपने हमले पर खेद जताए।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को तेल अवीव में आईडीएफ मुख्यालय में इजरायल के सुरक्षा प्रमुखों के साथ एक बड़ी बैठक की। बैठक में ईरान को कैसे जवाब दिया जाए... इस पर चर्चा हुई।यरुशलम में बुधवार को एक बंकर में इजरायली सुरक्षा कैबिनेट की घंटों बैठक चली। बैठक में फैसला लिया गया कि इजरायल सैन्य तरीके से ईरान पर हमला करेगा। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान ने आज रात एक बड़ी गलती की है। उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। जो कोई भी हम पर हमला करेगा, हम उन पर हमला करेंगे। अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन ने स्पष्ट कर दिया है कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हमले के समर्थन में नहीं हैं। मगर हमले से पहले इजरायल अमेरिका को अपने विश्वास में लेना चाहता है। बाइडन ने कहा कि इजरायल ईरान में क्या करने जा रहा है... इस पर हम चर्चा करेंगे। बाइडन ने ईरान पर और प्रतिबंध लगाने की बात भी कही है।इजरायल को यह भी पता है कि ईरान पर हमला किया तो वह भी पलटवार करेगा। ऐसे में इजरायल ईरानी हमले के खिलाफ अमेरिकी सेंट्रल कमांड से रक्षात्मक सहयोग चाहता है। वहीं इजरायली वायुसेना की खातिर अधिक गोला-बारूद और अन्य सैन्य साजो-सामान भी अमेरिका से चाहता है। अमेरिका मध्य-पूर्व में सैन्य तैनाती बढ़ाने पर विचार कर रहा है। उसने अपनी वायुसेना और नौसेना को भी अलर्ट पर रखा है। जी-7 देशों के साथ के साथ भी अमेरिका ने चर्चा की है। ऐसे में आपात स्थिति में अप्रैल और उसके सहयोगी इजरायल को सैन्य मदद देने की तैयारी में जुटे हैं।
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