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  • Wednesday, 03 December 2025
Scientists को अंतरिक्ष में मिला हल्का ब्लैक होल - देखकर उलझन में पड़े वैज्ञानिक

Scientists को अंतरिक्ष में मिला हल्का ब्लैक होल - देखकर उलझन में पड़े वैज्ञानिक

वाशिंगटन। वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में एक ब्लैक होल मिला है, जिसको देखकर वैज्ञानिक उलझन में पड गए है। वैज्ञानिकों को ऐसा पिंड मिला है जो बहुत ही हल्का ब्लैक होल है। इसकी कुछ विशेषताएं यह भी बता रही हैं कि यह एक भारी न्यूट्रॉन तारा भी हो सकता है। भार के लिहाज से वे यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि वे इसे हलका ब्लैक होल कहें या फिर भारी न्यूट्रॉन तारा? यह पिंड बहुत ज्यादा दूर नहीं, बल्कि पृथ्वी से 4 हजार प्रकाशवर्ष की दूरी पर, हमारी गैलेक्सी मिल्की वे में ही मौजूद है। ब्रह्माण्ड में जितनी भी चीजें हैं, वैज्ञानिकों उन्हें अपने जानकारी की मुताबिक परिभाषित करते हैं। तारे के मरने के बाद उसके अवशेषों से बने पिंड या ब्लैक होल बनता है या फिर न्यूट्रॉन तारा। दोनों के गुणों में वैसे तो बहुत अंतर है। पर इनमें एक बड़ा अंतर भार का होता है। मरा हुआ भारी तारा ब्लैक होल बनता है, लेकिन यदि भार एक सीमा से अधिक ना हुआ तो वह न्यूट्रॉन तारा बनता है। वैज्ञानिकों के साथ परेशानी ये है कि यह पिंड सबसे छोटे ब्लैक होल से तो हलका पर सबसे भारी न्यूट्रॉन तारे से भारी है। यह पिंड एनजीसी 1851 तारासमूह में मीरकैट रेडियो टेलीस्कोप के जरिए खोजा गया था।


यह पिंड ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारे के बीच के भार का है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अपने आप में कम रोमांचक जानकारी नहीं है। इसमें दोनों के गुण देखने को मिलते हैं। यह पल्सर ब्लैक होल सिस्टम ग्रैविटी और भारी न्यूट्रॉन तारों के सिद्धांतों की जांच के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाएगा। ये घने पिंडों के बर्ताव को समझने की नई जानकारी देने का काम करेगा।ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारे एक विशाल तारे के विस्फोट यानी सुपरनोवा के बाद मरे हुए तारे के अवशेषों से बनते हैं। इसके बावजूद दोनों में काफी अंतर होता है। वैज्ञानिक अब तक सूर्य से दो गुना वजन का न्यूट्रॉन स्टार और उससे पांच गुना वजह का सबसे हल्का ब्लैक होल देख चुके हैं। लेकिन उनके बीच का कोई पिंड है इस पर कभी बात नहीं हुई। 2019 में लेजर इंटर फेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव ऑबजर्वेटरी ने इस भार के पिंड के संकेतों को पकड़ा था। वैज्ञानिक इस गुत्थी को सुलझाने में लगे हुए हैं।फिर वैज्ञानिक बताते हैं कि भारी न्यूट्रॉन तारा और हलके ब्लैक होल दूर से एक जैसे ही दिखते हैं। यही कारण है कि वैज्ञानिकों को तय करने में परेशानी हो रही है कि यह क्या है?

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