Israel-हमास युद्ध समाप्ति के बाद पुनर्निर्माण और मानवीय सहायता बड़ी चुनौती
-गाजा में ढही इमारातों का जमा मलबा हटाने में 15 साल से ज्यादा का समय लगेगा
देर अल-बलाह। करीब डेढ़ साल तक चल रही इजराइल और हमास के बीच जंग अब खत्म होने की कगार पर है। गाजा के लाखों विस्थापित लोग अपने घर लौटने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें अपने उजड़े घरों का मलबा और तबाही के सिवा कुछ नहीं मिलेगा। इजराइली द्वारा की गई बमबारी और जमीनी हमलों ने गाजा के ज्यादातर हिस्सों को वीरान कर दिया है। पानी और बिजली की बुनियादी सुविधाएं ध्वस्त हो चुकी हैं, और अस्पताल सेवाएं देने लायक नहीं बचे हैं। गाजा में लाखों विस्थापित लोगों की स्थिति अंतरराष्ट्रीय समुदाय को झकझोर रही है। युद्ध समाप्ति के बाद पुनर्निर्माण और मानवीय सहायता की चुनौती बड़ी है। संयुक्त राष्ट्र और विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक गाजा में 69 फीसदी इमारतें क्षतिग्रस्त या नष्ट हो चुकी हैं। इनमें 2,45,000 से ज्यादा घर शामिल हैं। विश्व बैंक ने पहले चार महीनों के युद्ध में 18.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के नुकसान का अनुमान लगाया है, जो गाजा और वेस्ट बैंक की संयुक्त जीडीपी के बराबर है। मलबे के ढेर ने पुनर्निर्माण कार्यों को असंभव बना दिया है। गाजा पट्टी में 50 मिलियन टन से ज्यादा मलबा जमा हो गया है, जो गीज़ा के महान पिरामिड के आकार का 12 गुना है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 100 ट्रकों के लगातार काम करने के बावजूद मलबा हटाने में 15 साल से ज्यादा का समय लगेगा।
मीडिया रिपोर्ट में गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि हजारों लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। मलबे में बड़ी मात्रा में बिना फटे गोला-बारूद और अन्य खतरनाक सामग्री होने से इसे हटाने का काम और भी कठिन है। स्थानीय लोग टेंट शिविरों में रह रहे हैं और अपने घरों को लौटने के लिए बेताब हैं। हमास और इजराइल के बीच समझौता वार्ता चल रही है, जिसमें बंधकों की रिहाई और चरणबद्ध युद्धविराम की संभावना है। गाजा के पुनर्निर्माण में सालों लग सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि अगर नाकाबंदी जारी रहती है, तो गाजा के पुनर्निर्माण में 350 साल लग सकते हैं। यह देखना होगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस त्रासदी से उबरने में गाजा की कितनी मदद करता है।
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