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  • Friday, 22 November 2024
RBI ने लगातार नौवीं बार रेपो दर 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा

RBI ने लगातार नौवीं बार रेपो दर 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा

मकान, वाहन स‎हित विभिन्न कर्जों पर ईएमआई में बदलाव की संभावना कम

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार नौवीं बार रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मंगलवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के छह सदस्यों में से चार ने नीतिगत दर को यथावत रखने के निर्णय के पक्ष में मत दिया। इसके साथ ही एमपीसी ने उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है। रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इसका उपयोग करता है।

रेपो दर को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखने का मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में बदलाव की संभावना कम है। दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है। चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के 4.5 प्रतिशत रहने के अनुमान को भी बरकरार रखा गया है। जून में रिटेल महंगाई बढ़कर 5.08 फीसदी पर पहुंच गई थी। यह महंगाई का 4 महीने के उच्च स्तर पर थी। अप्रैल में महंगाई 4.85 फीसदी रही थी। वहीं मई में महंगाई 4.75 फीसदी रही थी। फरवरी, 2023 से रेपो दर 6.5 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी हुई है। 2024-25 की दूसरी बैठक चुनावी नतीजे आने के बाद जून में हुई थी, उस समय भी रेपो दर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया। इस बार ये बैठक बजट के बाद हो रही है। ऐसे में लोगों को उम्‍मीद थी कि शायद आरबीआई इस बार ब्‍याज दरों को घटा सकता है।

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