भाव बढ़ने, शादी-विवाह की मांग से तेल-तिलहन कीमतों में सुधार
देश में मूंगफली तेल-तिलहन के दाम 5-7 रुपए घटे
नई दिल्ली। विदेशी बाजारों में खाद्यतेलों के दाम मजबूत होने तथा शादी विवाह के मौसम की मांग बढ़ने के कारण देश के खाद्य तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह अधिकांश तेल-तिलहनों के दाम मजबूत रहे। आवक बढ़ने और निर्यात मांग कमजोर रहने के बीच मूंगफली तिलहन के दाम पिछले सप्ताहांत के स्तर पर बने रहे। बाजार सूत्रों के अनुसार मूंगफली की आवक बढ़ रही है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी नीचे दाम पर बिक रही है। मूंगफली तेल मिल वालों को मूंगफली तेल के निर्यात मांग बढ़ने का इंतजार है। विदेशी तेलों के दाम लगभग 15 प्रतिशत बढ़े हैं, अपितु देश में मूंगफली तेल-तिलहन के दाम में 5-7 रुपये लीटर घटे हैं। कुछ खाद्यतेल समीक्षकों को दाम में बेतहाशा वृद्धि की उम्मीद हो रही थी, लेकिन मूंगफली और सोयाबीन किसानों के उत्पादन में मुश्किलों के साथ कुछ समस्याएं हैं। सरकारी खरीद की गारंटी की वजह से कपास की अच्छे दामों पर खपत बढ़ रही है, जिससे किसान अपने माल को अच्छे दाम में बेच सक रहे हैं। सरकार को देशी तेल-तिलहनों का बाजार विकसित करने और तेल-तिलहन उत्पादन बढ़ाने की प्राथमिकता देनी चाहिए।
भावांतर में सरसों दाने का थोक भाव अपने पिछले सप्ताह की तुलना में 15 रुपये के सुधार के साथ 6,615-6,665 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल तो 14,125 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज के थोक भाव में 175-175 रुपये की गिरावट के साथ अपने पिछले सप्ताह की तुलना में 4,550-4,600 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इसी प्रकार मूंगफली और सोयाबीन किसानों को उत्पादन बढ़ाने के विविध योजनाओं की आवश्यकता है ताकि उन्हें हिम्मत और साहस बना रखने में मदद मिल सके। खुदरा मूंगफली और सोयाबीन की कीमतों में गिरावट से किसानों को नुकसान हो सकता है, इसलिए उन्हें उत्पादन के प्रोत्साहन और सुरक्षित बाजार देने में सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण है।
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