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  • Thursday, 21 November 2024
RBI ने मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने केवायसी के ‎नियम बदले

RBI ने मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने केवायसी के ‎नियम बदले

आरबीआई ने 2016 के मास्टर डायरेक्शन केवायसी दिशा-निर्देश में किया है संशोधन

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नो योर कस्टमर (केवायसी) मानकों में बदलाव किए हैं। यह बदलाव मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम (रिकॉर्ड संधारण) नियमों में हाल ही में किए गए संशोधनों के साथ तालमेल बिठाने के लिए किए गए हैं। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने कुछ मौजूदा निर्देशों में भी संशोधन किया है। आरबीआई ने 2016 के मास्टर डायरेक्शन केवायसी दिशा-निर्देश में संशोधन किया है। इसके तहत अब सभी रेगुलेटेड एंटिटीज को ग्राहक की पहचान जांच प्रक्रिया यानी कस्टमर ड्यू डिलिजेंस को यूनिक कस्टमर आइडेंटिफिकेशन कोड स्तर पर लागू करना होगा। आरबीआई द्वारा जारी एक सर्कुलर के अनुसार अगर किसी रेगुलेटेड एंटिटी के मौजूदा केवायसी सम्पन्न ग्राहक को उसी एंटिटी में नया खाता खोलना है या किसी अन्य उत्पाद या सेवा का लाभ उठाना है, तो ग्राहक की पहचान के लिए नए सीडीडी (ग्राहक पहचान प्रक्रिया) की आवश्यकता नहीं होगी।

आरबीआई ने सीडीडी प्रक्रिया और केंद्रीय केवायसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री के साथ केवायसी जानकारी साझा करने को लेकर भी संशोधन किए हैं। अब जब भी कोई रिपोर्टिंग इकाई किसी ग्राहक से नई या अपडेट की गई जानकारी प्राप्त करती है, तो उसे सात दिनों के भीतर या केंद्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित अवधि में सीकेवायसीआर को अपडेट की गई जानकारी भेजनी होगी। इसके बाद यह ग्राहक के मौजूदा केवायसी रिकॉर्ड को अपडेट कर देगा। सीकेवायसीआर एक ऐसी इकाई है, जो ग्राहकों के केवायसी रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में प्राप्त करती है, सुरक्षित रखती है और आवश्यकता पड़ने पर वापस उपलब्ध कराती है।

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