UAE के एक कदम ने बढ़ाई हलचल: शेख हसीना को बहुत जल्द नया ठिकाना तलाशना होगा?
नई दिल्ली। बांग्लादेश में भारी हिंसा और तख्तापलट के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपना वतन छोड़ना पड़ा था। हसीना इस वक्त भारत की शरण में हैं। लेकिन उन्हे बहुत जल्द नया ठिकाना ढूंढना होगा। वजह ये है कि बांग्लादेश लगातार हसीना को वापस भेजने की मांग कर रहा है। हालांकि अधिकृत तौर पर ऐसी कोई मांग भारत सरकार के सामने नहीं आई है। दरअसल, यूएई के नेता शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने अपने देश में विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के मामले में दोषी ठहराए गए 57 बांग्लादेशी नागरिकों को माफ कर दिया है। इन सबको जेल की सजा हुई थी। अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने यह निर्णय पिछले सप्ताह बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद लिया है। शेख हसीना अभी भारत में हैं। शेख हसीना का किसी और देश में शरण लेना अब इतना आसान नहीं है। इसकी वजह है कि युनुस सरकार ने उनका डिप्लोमेटिक वीजा रद्द कर दिया है। पहले खबर थी कि शेख हसीना यूएई जा सकती हैं। मगर यूएई ने युनुस सरकार की बात मानकर जो फैसला लिया है, उससे यह साफ है कि शेख हसीना के लिए वहां का रास्ता भी बंद हो गया है। सूत्रों की मानें तो शेख हसीना के मुद्दे पर भारत ने यूएई से बातचीत की है। मगर अब तक इस मामले में कामयाबी नहीं मिली है।
यूएआई ने जिस तरह से युनुस सरकार की बात मानी है, उससे लग नहीं रहा कि वह शेख हसीना को शरण देगा। हालांकि, यह भी हकीकत है कि शेख हसीना को भारत ज्यादा दिनों तक रख नहीं पाएगा। अगर ऐसा करता है तो बांग्लादेश से रिश्ते खराब होंगे। शेख हसीना की वापसी को लेकर बांग्लादेश ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है। मगर बांग्लादेश की सरकार उस तैयारी में पूरे जोर-शोर से लगी है। अंतरिम सरकार के विदेश मंत्री मोहम्मद तौहीद हुसैन की मानें तो अगर कोर्ट उन्हें कहती है कि शेख हसीना को किसी भी तरह बांग्लादेश वापस लाया जाए, तो जरूर वह इसके लिए कोशिश करेंगे और उन्हें वापस लेकर जाएंगे। इस बारे में भारत सरकार के साथ बांग्लादेश का एग्रीमेंट भी है। बांग्लादेश ने हसीना और उनके रिश्तेदारों का राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद शेख हसीना 6 अगस्त को दिल्ली आ गईं। तब से वो दिल्ली में ही रह रही हैं।
पहले कहा जा रहा था कि वो किसी और मुल्क में शरण लेंगी, लेकिन अब ऐसा नहीं लग रहा कि वो कहीं और जाने की तैयारी कर रही हैं। अब देखने वाली बात होगी कि शेख हसीना को लेकर भारत का अगला कदम क्या होगा। बता दें कि मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की सत्ता तब संभाली है, जब प्रदर्शनकारियों ने लंबे समय से प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना को देश छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया। संयुक्त अरब अमीरात में हुई यह गिरफ्तारियां इस खाड़ी अरब देश में भाषण और सार्वजनिक विरोध को अपराध मानने वाले सख्त कानूनों को रेखांकित करती हैं। यूएई की मीडिया के मुताबिक माफी पाने वाले बांग्लादेशियों की संख्या के बारे में कोई आंकड़ा नहीं दिया, लेकिन कहा कि इसमें वे लोग शामिल हैं, जिन्होंने जुलाई में कई अमीरातों में विरोध प्रदर्शन और उपद्रव में हिस्सा लिया था।
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