New Zealand में 459 भारतीय मूल के ड्राइवरों के लाइसेंस रद्द, कई परिवारों पर संकट
ऑडिट में पाया विदेशी लाइसेंस को बदलने की प्रक्रिया में हुई धोखाधड़ी
वेलिग्टन। न्यूजीलैंड में 459 भारतीय मूल के ट्रक ड्राइवरों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। देशभर में भारी वाहनों के लाइसेंस बदलने में मिले फर्जीवाड़े के बाद न्यूजीलैंड ट्रांसपोर्ट एजेंसी ने कड़ा कदम उठाया। इसके चलते कई भारतीय परिवार आर्थिक संकट में फंस गए हैं और उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। न्यूजीलैंड ट्रांसपोर्ट एजेंसी के ऑडिट में पाया गया कि विदेशी लाइसेंस को न्यूजीलैंड के लाइसेंस में बदलने की प्रक्रिया में धोखाधड़ी हुई है। पहले 440 लाइसेंस रद्द हुए थे, अब यह संख्या बढ़कर 459 हो गई है। ये सभी रद्दीकरण ‘झूठे या बदले हुए दस्तावेजों’ के कारण हुए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक रद्द किए गए लाइसेंस सभी विदेशी ड्राइवर भारत से हैं! इनमें से 436 मामलों में यूएई से, 18 ऑस्ट्रेलिया से और पांच कनाडा से जारी दस्तावेज से जुड़े हैं। इनमें से कोई भी मामला सीधे भारतीय लाइसेंस के इस्तेमाल से नहीं जुड़ा है, क्योंकि भारत जैसे गैर-छूट वाले देशों के लिए न्यूजीलैंड ट्रासंपोर्ट के नियमों के तहत पूरी तरह से टेस्टिंग जरूरी है। रिपोर्ट के मुताबिक पहले न्यूजीलैंड में हजारों भारतीय ड्राइवरों ने ऑनलाइन 27-54 हजार रुपए देकर जाली ‘सपोर्ट लेटर’ खरीदे। ये लेटर दिखाकर उन्होंने आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस और वीजा ले लिया। सरकार पहले इन्हें मान लेती थी, इसलिए सबका काम चल जाता था, लेकिन अब ऐसे जाली लेटर बिल्कुल अवैध माने जा रहे हैं।
अब इन लेटर्स से मिला लाइसेंस और वीजा रद्द हो रहा है यानी वह पुराना आसान रास्ता अब हमेशा के लिए बंद। इनमें ज्यादातर ड्राइवर 30–35 साल के हैं और उन्होंने थ्योरी और प्रैक्टिकल टेस्ट पास किया है। इसके अलावा सांसद परमजीत परमार ने न्यूजीलैंड के ट्रांसपोर्ट मंत्री साइमोन ब्राउन को पत्र लिखकर कहा है कि ये मेहनती प्रवासी हैं जिन्होंने न्यूजीलैंड के ट्रकिंग सेक्टर में ड्राइवरों की कमी पूरी की। सभी ड्राइवरों ने समाधान की मांग की ताकि उनके परिवारों को मदद मिल सके। ऑकलैंड के ताकानिनी गुरुद्वारे में 22 नवंबर को भारतीय ट्रक ड्राइवर और उनके परिवार जमा हुए और न्याय की मांग की। इस दिन अमृतपाल सिंह ने कहा कि न्यूजीलैंड ट्रासंपोर्ट एजेंसी ने हमारी आमदनी छीन ली है और अब हम अपने बच्चों को कैसे पालेंगे? वहीं परमिंदर सिंह ने बताया कि वे अपने घर का किराया भी नहीं दे पा रहे हैं। इस मुद्दे पर ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। बता दें न्यूजीलैंड में ट्रक चलाने वालों की कमी लंबे समय से बनी हुई है। 2022 में 3,449 ड्राइवरों की कमी थी। इस सेक्टर में भारतीय प्रवासियों की भूमिका बढ़ गई। 2025 की रिपोर्ट बताती है कि एशियाई ड्राइवर, जिनमें ज्यादातर भारतीय हैं अब ट्रकिंग इंडस्ट्री के 20फीसदी तक हैं।
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