High Incom वाला देश बनने के लिए भारत को लेगेंगे 75 साल
भारत की प्रति व्यक्ति आय 2200 डॉलर तो अमेरिका की 37,000 डॉलर है
लंदन। भारत, दुनिया में सबसे तेजी बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश बना हुआ है। वहीं मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने देश को विकसित राष्ट्र बनाने का टारगेट टॉप पर रखा है और इसके लिए 2047 तक की डेडलाइन तय की है। वहीं वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में इस लक्ष्य को पाने की चुनौतियों के बारे में बताया गया कि भारत इसे कब तक पा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन समेत दुनिया के 100 से ज्यादा देशों को हाई इनकम वाला देश बनने के लिए अभी लंबा समय चाहिए। रिपोर्ट में भारत को अमेरिका की प्रति व्यक्ति आय के महज एक-चौथाई तक पहुंचने में ही 75 साल का समय लग सकता है। भारत की प्रति व्यक्ति आय 2200 डॉलर के आस-पास है, जबकि अमेरिका में ये करीब 37,000 डॉलर है। अमेरिका की प्रति व्यक्ति आय के एक चौथाई हिस्से तक पहुंचने में भारत को 75 साल लग सकते हैं तो वहीं वर्ल्ड बैंक के मुताबिक इंडोनेशिया को ये टारगेट हासिल करने में सात दशक लगेंगे। चीन की बात करें तो चीन भारत और इंडोनेशिया से बहुत पहले इसे हासिल करने में कामयाब हो जाएगा।
विश्व बैंक का कहना है कि चीन इस टारगेट को महल दस साल में ही हासिल कर सकता है। विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में साल 2023 के अंत में दुनिया के 108 देशों को मिडिल इनकम ग्रुप के रूप में वर्गीकृत किया है। इनकी प्रति व्यक्ति सालाना जीडीपी 1,136 यूएस डॉटर से लेकर 13,845 डॉलर के बीच थी। इन देशों में छह अरब लोग रहते हैं, जो वैश्विक आबादी का 75 फीसदी है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक दुनिया में हर तीन में से दो लोग अति गरीबी में जीवन बिताते हैं। रिपोर्ट में बीते 50 सालों के अनुभव के आधार पर पाया कि जैसे-जैसे देश अमीर होते जाते हैं, वे आम तौर पर सालाना यूएस की प्रति व्यक्ति जीडीपी के करीब दस फीसदी के जाल में फंस जाते हैं। ये दस फीसदी की रकम फिलहाल करीब आठ हजार डॉलर के बराबर हो जाती है। भारत की चुनौतियों के बारे में कहा गया है कि तेजी से बूढ़ी होती आबादी, बढ़ता कर्ज, भू-राजनीतिक और व्यापारिक तनाव के अलावा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना आर्थिक रूप से आगे बढ़ने में पेश आ रही कठिनाई इस राह में सबसे बड़ा रोड़ा बनी हुई हैं। रिपोर्ट में विश्व बैंक ने इस जाल से निकलने के लिए उपाय बताए हैं इसमें कहा गया है कि कई मिडिल इनकम ग्रुप वाले देश अभी भी पिछली सदी की रणनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं और प्रमुख रूप से निवेश को बढ़ाने पर जोर देने की नीतियों पर निर्भर हैं। जो कि बिल्कुल कार को पहले गियर में चलाने और उसे तेज चलाने की कोशिश करने जैसा ही है। विश्व बैंक ने कहा है कि इन देशों को मिडिल इनकम ट्रैप से निकलने के लिए थ्री-आई पर फोकस करना चाहिए। ये थ्री-आई इन्वेस्टमेंट, इनोवेशन और नई तकनीक में इन्फ्यूजन हैं।
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