
इजरायल ने Gaza में बिना हमले के ही लोगों की जान को खतरे में डाला
गाजा। इजरायल की बमबारी ने न केवल विनाशकारी तबाही मचाई है, बल्कि एक नए और खामोश खतरे को भी जन्म दिया है। एस्बेस्टस, एक खनिज जो सामान्य स्थिति में मानव के लिए कम खतरनाक होता है, बमबारी से टूटकर वायुमंडल में फैल गया है। जब यह कण हवा में फैल जाते हैं और लोग इसे सांस के जरिए अंदर लेते हैं, तो यह अत्यधिक कैंसरकारी साबित होता है। विली ने गाजा में एस्बेस्टस के प्रभाव की तुलना 11 सितंबर, 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमले से की, जब धूल के बादलों में एस्बेस्टस सहित कई जहरीले रसायन हवा में फैल गए थे। उस समय न्यूयॉर्क में एस्बेस्टस से संबंधित बीमारियों के कारण हजारों लोग मारे गए थे। इसी तरह, गाजा में भी आने वाले समय में एस्बेस्टस के कारण फेफड़ों और अन्य अंगों के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं। यह स्थिति गाजा के लोगों के लिए एक लंबी और धीमी त्रासदी साबित हो सकती है, जिसमें उन्हें स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल के हमलों के कारण पिछले एक साल में गाजा की इमारतों में मौजूद एस्बेस्टस छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटकर हवा में मिल गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे गाजा में फेफड़े और अन्य प्रकार के कैंसर के मामले बढ़ सकते हैं, और अगले कई दशकों तक इसका प्रभाव देखा जा सकता है।संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार, गाजा में बमबारी से उत्पन्न मलबे में लगभग 800,000 टन एस्बेस्टस शामिल हो सकता है, जो हवा को दूषित कर रहा है। एस्बेस्टस विशेषज्ञ रोजर विली ने इसे गाजा के लोगों के लिए एक मौत की सजा कहा है, क्योंकि यह धीरे-धीरे आने वाले वर्षों में घातक बीमारियों का कारण बनेगा।
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