एस-300 वायु रक्षा प्रणालियों को Israel ने किया बर्बाद, भारत के लिए चिंता की बात
नई दिल्ली। पिछले सप्ताह इजरायल ने ईरान पर बड़ा हमला कर जंग की आग और भड़का दी है। ईरान हमले से बैकफुट पर हैं, और जवाब देने के विकल्पों को तलाश रहा है। इस हमले में इजराइल ने ईरान के सबसे धांसू वायु रक्षा प्रणालियों को नष्ट किया है। अमेरिका और इजरायली अधिकारियों ने कहा है कि इस साल हमलों में इजराइल ने ईरान के द्वारा रूस से खरीदी गई एस-300 वायु रक्षा प्रणालियों की सभी चार बैटरियों को नष्ट कर दिया है। इनमें से एक को इजरायल ने अप्रैल में ही निशाना बनाया था। वहीं तीन अन्य पिछले सप्ताह के हमले में बर्बाद हो गए। रिपोर्ट के मुताबिक एस-300 प्रणालियों को ठिकाने लगाने के अलावा इजरायल ने ईरान में दूसरी वायु रक्षा प्रणालियों और रडार प्रणालियों को भी बर्बाद कर दिया है। इन प्रणालियों के ईरान इजरायली हमलों को ट्रैक करता था। एस-300 के खिलाफ इजरायल की सफलता ईरान और रूस के लिए ही नहीं बल्कि भारत जैसे देशों के लिए भी चिंता का विषय है। जानकारों के मुताबिक यूक्रेन और मिडिल ईस्ट में चल रहे जंग में दो साल से अधिक समय से रूसी सैन्य उपकरणों को नियमित रूप से नुकसान हुआ है। रूसी रक्षा उपकरणों के नाकामयाब होने की खबरें भारत के लिए चिंता का कारण है।
हालांकि एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के लिए फिलहाल चिंता करने की कोई बात नहीं है। परंपरागत रूप से भारत रूसी हथियारों और सैन्य हार्डवेयर का सबसे बड़ा आयातक रहा है। हालांकि पिछले एक दशक में रूस पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश की है। भारत ने रूस से छह एस-400 वायु रक्षा प्रणालियां खरीदी हैं जो ईरान में इजरायल द्वारा नष्ट की गई एस-300 वायु रक्षा प्रणालियों से एक श्रेणी ऊपर है। एस-400 रूस का सबसे उच्च दर्जे का वायु-रक्षा उपकरण है। ये यूएस पैट्रियट वायु रक्षा प्रणालियों को टक्कर देता है जो कथित तौर पर वर्तमान में यूक्रेन और इजरायल में तैनात हैं। भारत ने छह एस-400 वायु रक्षा बैटरियां खरीदी हैं जिन्हें चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात किया जाना है। इनमें से चार बैटरियां भारत आ चुकी हैं। वहीं भारत अगले साल के अंत तक बाकियों के डिलीवरी की उम्मीद कर रहा है। एक भारतीय अधिकारी के मुताबिक भारत के पास काफी विकल्प मौजूद हैं और भारत फिलहाल चिंतित नहीं है। अधिकारी ने कहा, “जहां तक भारत का सवाल है वह सिर्फ रूसी तकनीक पर निर्भर नहीं है।” भारत कई देशों की हथियार प्रणालियों का इस्तेमाल कर रहा है।
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