भारत की संप्रभुता के लिए सीधी चुनौती है निमंत्रण : Vivek Agnihotri
मुंबई। पिछले सप्ताह ऑक्सफोर्ड यूनियन ने फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री को कश्मीर पर बोलने के लिए आमंत्रित किया था। इस प्रस्ताव को अग्निहोत्री ने ठुकरा दिया है। अग्निहोत्री ने एक्स पर लिखा, मुझे प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनियन द्वारा कश्मीर पर बहस के लिए आमंत्रित किया गया था। मुझे यह विषय आपत्तिजनक, भारत विरोधी और कश्मीर विरोधी लगा। सैद्धांतिक रूप से, मैंने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। पीएफए मैं अस्वीकार करता हूं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा, ऑक्सफोर्ड यूनियन में बहस के लिए मुझे निमंत्रण देने के लिए धन्यवाद। हालांकि, ऑक्सफोर्ड डिबेटिंग सोसायटी में हिस्सा लेना और वहां बोलना हर राय बनाने वाले का सपना होता है, लेकिन मैं आपके निमंत्रण की विडंबना पर विचार कर रहा हूँ और उचित विचार-विमर्श के बाद, मैंने सम्मान पूर्वक अस्वीकार करने का फैसला किया है।
उन्होंने आगे लिखा, यह सदन कश्मीर के एक स्वतंत्र राज्य में विश्वास करता है। इस मुद्दे पर बहस करने के लिए आपका निमंत्रण भारत की संप्रभुता के लिए एक सीधी चुनौती है और यह मुझे अस्वीकार्य है। उन्होंने कश्मीर को लेकर पत्र में लिखा, कश्मीर की कहानी बहस का विषय नहीं है। यह पीड़ा और शांति की खोज की कहानी है। कश्मीरी हिंदुओं का नरसंहार एक ऐसी कहानी है जिसकी कीमत खून से चुकाई गई है न कि दर्शकों की मजेदार प्रतिक्रिया या तालियों से। ऑक्सफोर्ड यूनियन के प्रेसिडेंट इब्राहिम ने निमंत्रण लेटर में लिखा था, हमें उम्मीद है कि आप ठीक-ठाक होंगे। द्विशताब्दी समारोह के बाद हो रहे पहले ऑक्सफोर्ड यूनियन में अपने विचार रखने के लिए आपको आमंत्रित कर रहा हूँ। ऑक्सफोर्ड यूनियन की स्थापना 1823 में छात्रों के एक समूह द्वारा विश्वविद्यालय की प्रतिबंधात्मक नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए की गई थी।
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